कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसान अब प्याज़ की फसल कर रहे है। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि वे फसल उगाने के लिए बरारी में निरंकारी समागम मैदान का उपयोग कर रहे है। एक किसान का कहना है, चूंकि हम विरोध प्रदर्शन के दौरान एक महीने से बेकार बैठे है। ऐसे में हमने प्याज उगाने के बारे में सोचा। हम इसे अपने दैनिक खाना पकाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। हम बुराड़ी के मैदान में अधिक फसल उगाएंगे।
कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों ने केंद्र सरकार से 29 दिसंबर को बैठक करने का फैसला किया है। किसान नेताओं ने केंद्र सरकार को चिठ्ठी लिखकर मंगलवार को सुबह 11 बजे बातचीत करने की बात कही है चिठ्ठी में किसानों की मांगों को भी स्पष्ट कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किसान नेताओं ने लिखा है कि केंद्र सरकार के 24 दिसंबर 2020 को मिले पत्र के जवाब में किसानों की ओर से चिठ्ठी भेजी जा रही है।
किसानों ने लिखा, अफसोस है कि इस चिठ्ठी में भी सरकार ने पिछली बैठकों के तथ्यों को छिपाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की है। हमने हर वार्ता में हमेशा तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की। सरकार ने इसे तोड़ मरोड़ कर ऐसे पेश किया जैसे मानो हमने इन कानूनों में संशोधन की मांग की थी।