दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने जा रहे किसानों को पुलिस ने हिरासत में लेना शुरू कर दिया है। गाजीपुर बॉर्डर से दिल्ली की तरफ कूच कर रहे कुछ किसानों को पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर ही रोक दिया। जिसके बाद देखते देखते वहां लंबा जाम लग गया और किसान जमीन पर धरने पर बैठ गए।
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच टकराव
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेड लगा रखे थे। बैरिकेड को किसान हटाने लगे और गिराकर वहां से आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे तो पुलिस ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया और उसके बाद उन्हें हिरासत में लेना शुरू किया। सरकारी बसों में किसानों को भर कर थाने ले जाने का काम शुरू हो गया है।
संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले दिल्ली घेरने पहुंचे किसान
दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर पर हो रहे धरना प्रदर्शन को कोई भी अनुमति नहीं दी थी लेकिन बावजूद उसके संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले अलग-अलग राज्यों और अलग जिलों से किसान जंतर-मंतर पहुंच रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने नोएडा के चिल्ला बॉर्डर और गाजियाबाद के गाजीपुर बॉर्डर पर भी भारी बैरिकेडिंग कर दिल्ली की तरफ सिर्फ उन्हीं गाड़ियों को जाने दे रही है जो किसान आंदोलन से जुड़े हुए नहीं हैं और अपने काम के लिए दिल्ली जा रहे हैं।
बेरोजगारी पर किसानों का प्रदर्शन , दिल्ली जाम से बेहाल
गाजीपुर, चिल्ला, टिकरी, सिंघू और फरीदाबाद समेत राष्ट्रीय राजधानी के एंट्री प्वाइंट्स पर ट्रैफिक जाम देखा गया। बेरोजगारी के मुद्दे पर किसानों ने जंतर मंतर पर इकट्ठा होने का आह्वान किया है। दिल्ली पुलिस ने सभी सीमा चौकियों पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस ने व्यापक इंतजाम किए हैं। सीमा पर वाहनों की सघन जांच की जा रही है।
केंद्र सरकार से फिर टकराव की स्थिति में किसान
दिल्ली पुलिस ने पहले कहा था कि किसानों के इकट्ठा होने से राष्ट्रीय राजधानी में यातायात की समस्या और अप्रिय घटनाएं हो सकती हैं और इसलिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। बता दें, नए कृषि कानून को लेकर आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार से पांच बिंदुओं पर सहमति बनी थी, जिसमें से सरकार ने एक भी बिंदु को पूरा नहीं किया है। इसी वजह से अन्नदाता सड़क पर उतरने की तैयारी में हैं।