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फिल्मिस्तान अग्निकांड : मजदूरों के नाम के अलावा नहीं था कुछ भी पता

फिल्मिस्तान अग्निकांड में 43 मजदूरों की मौत मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को तफ्तीश में पता चला है कि फैक्ट्री मालिकों का मजदूरों से कोई इंसानियत का रिश्ता नहीं था।

नई दिल्ली : फिल्मिस्तान अग्निकांड में 43 मजदूरों की मौत मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को तफ्तीश में पता चला है कि फैक्ट्री मालिकों का मजदूरों से कोई इंसानियत का रिश्ता नहीं था। फैक्ट्री मालिकों के लिए मजदूर काम करने वाली मशीन से ज्यादा कुछ नहीं थे। फैक्ट्री मालिकों को ज्यादातर मजदूरों के नाम तक मालूम नहीं हैं। इतना ही नहीं आरोपी रेहान उसके साले सोहेल ने जिन ठेकेदारों को फैक्ट्रियां ठेके पर दे रखी थीं। 
उन ठेकेदारों के बारे में भी उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है। यही वजह है कि अभी तक उन ठेकेदारों का भी पता नहीं चल सका है जो इस हादसे के दौरान मर गए हैं। क्राइम ब्रांच पुलिस सूत्रों की मानें तफ्तीश में पता चला है कि आरोपी रेहान उसके साले सोहेल और मैनेजर फुरकान ने फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों का पुलिस वेरिफिकेशन तक नहीं कराया था। मजदूरों को महज आठ से 10 हजार रुपए में काम पर रखा गया था। 
वहीं कुछ मजदूर दिहाड़ी पर तो कुछ काम के हिसाब से मजदूरी करते थे। फैक्ट्री मालिक व ठेकेदारों को इन मजदूरों से इंसानियत का कोई वास्ता नहीं था। दिनभर फैक्ट्री में काम करने के बाद छोटी-छोटी जगहों पर रात गुजार कर फिर से सुबह होने पर अपने काम धंधे से लग जाते थे। कुछ मजदूर तो ऐसे थे, जो जीने के पास मौजूद कर्व के पास सोते थे।
दिल्ली छोड़कर भागने की फिराक में था सोहेल
आरोपी रेहान के साले सोहेल को डीसीपी राजेश देव व एसीपी संदीप लांबा के नेतृत्व में इंस्पेक्टर आशीष दुबे की टीम में शामिल एसआई विनीत एसआई पंकज ने बुधवार को आईएसबीटी के पास से गिरफ्तार किया। उस वक्त आरोपी दिल्ली छोड़कर भागने की फिराक में था। 
जांच में सामने आया है कि इमारत के जिस हिस्से में आग लगी थी उसमें मुख्य आरोपी रेहान उसका साला सुहैल, रेहान का भाई इमरान और मैनेजर फुरकान हैं। चौथा आरोपी इमरान अभी फरार है। वहीं फैक्ट्रियों का ठेके पर चलाने की बातें सामने आई हैं। 
मगर अभी तक ठेकेदारों का पता नहीं चल सका है। इमारत में 12 फैक्ट्रियां रेहान की और तीन-तीन फैक्ट्री सोहेल व इमरान की थीं। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि इन फैक्ट्रियों को उन्होंने चलाने के लिए 10 से 12 ठेकेदारों को ठेके पर दे रखी थीं।
जेजे एक्ट के तहत भी होगी कार्रवाई
फिल्मिस्तान अग्निकांड मामले की जांच कर रहे क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक की जांच में सामने आ चुका है कि फैक्ट्री में नाबालिगों से भी काम कराया जा रहा था। इस खुलासे के बाद अब पुलिस आरोपियों पर जेजे एक्ट के तहत भी करवाई करेगी। पुलिस अधिकारी के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ इस मामले में कोई अलग से एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी, बल्कि मूल एफआईआर में ही जेजे एक्ट जोड़ा जाएगा। 
फिलहाल पुलिस इस मामले में हादसे में घायल हुए व जान बचाकर बाहर निकले मजदूरों के बयान ले रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इमारत में प्लास्टिक का सामान बनाने के लिए मोल्डिंग मशीन। स्कूल बैग व पर्स बनाने के लिए सिलाई मशीनें लगी हुई थीं। बाल मजदूरों को चंद रुपयों का लालच देकर और कुछ बच्चों को काम सिखाने का झांसा देकर काम पर रखा गया था।
सरकार ने बनाई जांच टीम
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की अनुरोध पर फिल्मिस्तान अग्निकांड मामले की जांच के लिए दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने एसआईटी गठित कर दी है। एसआईटी में दिल्ली फायर सर्विस, फोरेंसिक साइंस लैबोरेट्री और बीएसईएस के एक्सपर्ट को शामिल किया गया है। एसआईटी क्राइम ब्रांच को जांच कर रिपोर्ट देगी कि इमारत में आग कैसे लगी थी। आग की लपटें कितनी ऊंची थी। आग लगने के क्या कारण थे। 
वहां मौजूद 43  लोगों की मौत कैसे हुई। रिपोर्ट मिलने के बाद इस रिपोर्ट को क्राइम ब्रांच अपनी जांच में शामिल कर लेगी। यहां बता दें कि गत आठ दिसंबर को आग लगने की घटना के अगले दिन केस क्राइम ब्रांच में ट्रांसफर कर दिया गया था। तभी दस दिसंबर को क्राइम ब्रांच ने गृह विभाग को पत्र लिखकर एसआईटी बनाने का अनुरोध किया था।
पांच अवैध फैक्ट्रियां हुई सील
 अग्निकांड के बाद पूर्वी निगम लगातार अवैध फैक्ट्रियों पर सीलिंग की कार्रवाई कर रही है। बुधवार को पूर्वी निगम ने जहां हंगामे के बीच 16 फैक्ट्रियों सील की थी वहीं गुरुवार को भी पांच फैक्ट्रियों पर सीलिंग की मुहर लगाई। इसके पहले पूर्वी निगम 140 यूनिटों के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है। इसके अलावा दक्षिणी और उत्तरी निगम की टीम भी गुपचुप तरीके से सीलिंग की कार्रवाई जारी रखी है। 
हालांकि देर रात निगम ने कितनी अवैध फैक्ट्रियों पर सीलिंग की इसकी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। फिल्मिस्तान की घटना के बाद से पूर्वी निगम के अधिकारी सीलिंग की कार्रवाई लगातार करने लगे हैं। गुरुवार को निगम दस्ते की पांच टीमों ने 27 फैक्ट्रियों का निरीक्षण किया। अधिकतर जगहों पर या तो फैक्ट्री खाली मिली या वहां नियमानुसार काम हो रहा था। पांच जगहों पर अनियमितता मिली जहां कार्रवाई की गई।

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