दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसा को भड़काने के आरोप में भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा के खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए हैं। बीजेपी नेता द्वारा रास्ता खुलवाने के लिए दिए गए भाषण को लेकर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। रविवार और सोमवार को हिसा भड़काने के आरोप में कपिल मिश्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज की गयी।
एक शिकायत आम आदमी पार्टी (आप) की कॉर्पोरेटर रेशमा नदीम और दूसरी हसीब उल हसन ने दर्ज कराई है। दर्ज की गयी शिकायतों में कहा गया है कि विरोध के दौरान मिश्रा ने अपने भड़काऊ भाषणों से लोगों को भड़काया, जिससे अराजकता फैल गई। बताया जा रहा है कि बीजेपी नेता के भाषण के बाद दिल्ली में हो रहे प्रदर्शन हिंसा के रूप में बदल गयी ।
सीएए के विरोधी और समर्थक आपस में भिड़ गए और रविवार से शुरू हुए दंगों में अब तक 05 लोगों की मौत हो चुकी है और 105 लोग घायल हो गए हैं। बहरहाल मिश्रा के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जानकारी के मुताबिक आज भी दिल्ली के ब्रह्मपुरी और मौजपुर में हिंसा लगातार जारी है।
मुख्यमंत्री जी @ArvindKejriwal
आप आज मीटिंग कर रहे हैं, तीन बातों का ध्यान रखिये –
1. अपील कीजिये – शाहीन बाग, जाफराबाद, चांद बाग समेत दिल्ली की सारी सड़के खाली हो
2. CAA विरोधी प्रस्ताव दिल्ली विधानसभा में नहीं आना चाहिए
3. गोलियां चलाने वाले शाहरुख के खिलाफ जरूर बोलिये
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) February 25, 2020
इस बीच कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा, ” अरविन्द केजरीवाल मुख्यमंत्री जी, आप आज मीटिंग कर रहे हैं, तीन बातों का ध्यान रखिये – अपील कीजिये – शाहीन बाग, जाफराबाद, चांद बाग समेत दिल्ली की सारी सड़के खाली हो। सीएए विरोधी प्रस्ताव दिल्ली विधानसभा में नहीं आना चाहिए। और गोलियां चलाने वाले शाहरुख के खिलाफ जरूर बोलिये।”
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दूसरी ओर, दिल्ली पुलिस की एक विशेष शाखा की रिपोर्ट में कहा गया है कि चांदबाग मजार में हिंसा में लिप्त और पुलिस पर गोलियां दागने वाले प्रदर्शनकारियों का संबंध पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से है। इसमें पीएफआई के शाहीन बाग निवासी एक वरिष्ठ अधिकारी के नाम का भी उल्लेख किया गया है। उत्तर प्रदेश में विभिन्न हिंसक घटनाओं में पीएफआई के प्रमुख अधिकारियों के खिलाफ पहले कई मामले दर्ज किए गए हैं।