नई दिल्ली : दक्षिणी दिल्ली के तुगलकाबाद स्थित रविदास मंदिर को तोड़े जाने मामले पर गुरुवार को दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सदन में जमकर हंगामा हुआ। भारी हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही को 15-15 मिनट के लिए तीन बार स्थगित करना पड़ा। वहीं अंत में नेता विपक्ष और विपक्षी सदस्य ओम प्रकाश शर्मा को मार्शल से सदन से बाहर भी कर दिया गया।
पहले दिन की सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल दिवंगत नेताओं के प्रति शोक संवेदना प्रस्ताव प्रस्तुत कर उनकी आत्मिक शांति के लिये दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। दिवंगत नेताओं में दिल्ली में 15 साल पहली पूर्णकालिक महिला मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित, दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, दिल्ली के पूर्व महानगर पार्षद सुशील चौधरी व दलबीर कुमार टंडन, दिल्ली विधानसभा के पूर्व सदस्य मांगे राम गर्ग व मोती लाल सोढ़ी आदि के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की गई।
दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित के बाद सदन में सत्ता पक्ष की ओर से डीडीए द्वारा तुगलकाबाद क्षेत्र के जहांपनाह सिटी फॉरेस्ट में बने गुरु रविदास के ऐतिहासिक मंदिर को क्षतिग्रस्त करने से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा कराने की मांग की। इस पर सत्ता और विपक्ष के बीच जमकर नोकझोंक हुई। विपक्ष ने जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) मामले पर दिल्ली की सत्तारूढ़ दल के रूख पर चर्चा कराने की मांग संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी देने की मांग की।
लेकिन सत्तारूढ़ दल के सभी सदस्य विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल के आसन के सामने वेल में आकर संत रविदास मंदिर के तोड़े जाने के विरूद्ध शोर-शराबा, हंगामा और नारेबाजी करने लगे। वह हाथों में पोस्टर-बैनर लेकर अध्यक्ष के आसन के पास आग गए और भाजपा के खिलाफ नारे लगाने लगे। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कहा कि संत रविदास मंदिर को उच्चतम न्यायालय के आदेशों पर तोड़ा गया है। लेकिन दिल्ली विकास प्राधिकरण ने इस मामले पर उच्चतम न्यायालय में मजबूत के साथ अपना पक्ष नहीं रखा। सत्ता पक्ष के हंगामे, शोर शराबे व नारेबाजी की वजह से विधानसभा अध्यक्ष को तीन बार सदन की कार्यवाही को स्थगित भी करना पड़ा।
सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से शुरू होने के बाद इस विषय पर सत्ता पक्ष के सदस्य विशेष रवि की ओर से संकल्प प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया गया है। सदन की ओर से संकल्प किया गया कि सदन दलित समुदाय के इस विश्वास का सम्मान करता है कि यह जगह अफगान तानाशाह सिकंदर लोदी द्वारा संत रविदास को दान की गई थी जिन्हें व्यापक रूप से दलित और अन्य समुदायों द्वारा पूजा जाता है। यहां स्वयं संत रविदास कुछ दिन आकर रहे थे। सदन ने संकल्प किया कि केंद्र सरकार से भूमि आवंटन के पश्चात राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार इस जगह पर एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाए।
संकल्प प्रस्ताव पर सत्ता पक्ष व विपक्ष के सदस्यों विशेष रवि के अलावा समाज कल्याण व अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति विभाग के मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम, सहीराम पहलवान, मनोज कुमार, ओम प्रकाश शर्मा (भाजपा), अवतार सिंह कालका, अजय दत्त, संजीव झा, पंकज पुष्कर, जगदीप सिंह, राखी बिरला, सौरभ भारद्वाज व अन्यों ने अपने-अपने विचार सदन के समक्ष व्यक्त किए। संकल्प को सदस्यों की सहमति के बाद पारित कर दिया गया।
अध्यक्ष ने कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के दिए निर्देशः विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गाेयल ने उस कंपनी को हटाने के निर्देश दिए हैं जो विधानसभा में साउंड सिस्टम व माइक आदि का संचालन करती है। बृहस्पतिवार को कई बार ऐसा हुआ कि सदस्यों के माइक काम नहीं कर रहे थे। सदन में संत रविदास मंदिर मामले पर चर्चा के दौरान विधायक विशेष रवि बोलने के लिए खड़े हुए तो उनका माइक ही नही चला।
इस पर अध्यक्ष ने माइक का संचालन देख रहे दो कर्मचारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए। मगर जब उन्हें पता चला कि कर्मचारी प्राइवेट कंपनी के हैं तो उन्होंने कंपनी हो हटाने के निर्देश दिए। उन्हाेंने कहा कि जो कंपनी काम कर रही है उसका अब कुछ समय बचा है। इस कंपनी को आगे काम न दिया जाए।