नई दिल्ली : बहुत पुरानी कहावत है ‘चिराग तले अंधेरा’। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर में शुक्रवार को यह कहावत चरितार्थ हुई। पूरी दिल्ली में डेढ़ लाख कैमरे लगवाने का दावा करने वाले अरविंद केजरीवाल के घर पर लगे 7 कैमरे काम ही नहीं कर रहे थे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर तहकीकात करने पहुंची दिल्ली पुलिस को 21 में से 7 कैमरे खराब मिले। जो कैमरे काम कर रहे थे, उनकी टाइमिंग भी लगभग 40 मिनट पीछे मिली है।
सुरक्षा को लेकर सीसीटीवी लगाने की शुरू हुई थी कवायद
सुरक्षा के मद्देनजर राजधानी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने की कवायद शुरू हो गई है। दिल्ली सरकार ने कैमरे लगाने का टेंडर अलॉट कर दिया है। अगले सात महीने में दिल्ली की सुरक्षा के लिए एक लाख 40 हजार कैमरे लगाए जाएंगे। इससे महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होगी और क्राइम में कमी आएगी। आम आदमी पार्टी (आप) ने चुनाव के दौरान कैमरे लगवाने का वादा किया था, जिसे पूरा करने के लिए प्र्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है।
सीएम अरविंद केजरीवाल खुद इस प्र्रोजेक्ट पर नजर रखे हुए हैं। दिल्ली सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि कैमरे लगाने के लिए जो टेंडर जारी किया था, वह टेंडर पब्लिक सेक्टर यूनिट बीईएल (BEL) को मिला है। बीईएल ने यह टेंडर 272 करोड़ पर लिया है। टेंडर अलॉट होने के सात महीने के अंदर इस प्र्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है। कैमरा लगाने के लिए पीडब्ल्यूडी को नोडल एजेंसी बनाया गया है, ताकि समय पर काम पूरा किया जा सके और संबंधित टेंडर लेने वाली कंपनी को इसमें मदद करे।
बदमाशों में कैमरे का खौफ रहता है
अधिकारी ने बताया कि 70 विधानसभाओं में एक लाख 40 हजार कैमरे लगाए जाएंगे, क्योंकि सीसीटीवी कैमरा क्राइम को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाता है। बदमाशों में कैमरे में आने का भय रहता है। कई बार इससे क्राइम सॉल्व करने में भी पुलिस को मदद मिलती है। कैमरे की इसी पॉजिटिविटी को देखते हुए सरकार ने सुरक्षा के लिए पूरी दिल्ली में कैमरे लगाने का फैसला किया और अपने चुनावी वायदे में इसे शामिल किया था। कैमरे लगाने में हो रही देरी की वजह से कई बार विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की, लेकिन अब सरकार ने विपक्ष को जवाब देते हुए सुरक्षा के इस पहल को अमलीजामा पहना दिया है।
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– सज्जन चौधरी