नई दिल्ली : दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 25 दिसंबर को आयोजित होने वाले संस्कृत विदुत सम्मान समारोह में संस्कृत श्री सम्मान दिया जाएगा। इस बात की घोषणा सोमवार को की गई है। इनके साथ ही संस्कृतों के विद्वानों में डॉ. गोस्वामी गिरिधारी लाल को संस्कृत गौरव सम्मान से नवाजा जाएगा। घोषणा के बाद अखिल भारतीय संस्कृत साहित्य सम्मेलन का त्रिवार्षिक चुनाव संस्कृत भवन में सम्पन्न हुआ।
चुनाव में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ के कुलपति डॉ. रमेश कुमार पाण्डेय को अध्यक्ष पद के लिए कार्यवाहक अध्यक्ष पद के लिए ओम प्रकाश सरार्फ को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। इसके साथ ही साथ महासचिव रमाकांत गोस्वामी एवं संयुक्त महासचिव आरएन वत्स(एडवोकेट) तथा कोषाध्यक्ष ओपी जिंदल का चयन किया गया। ज्ञात हो कि महामना पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित इस संस्था को लगभग 106 वर्ष हो गए हैं।
इसके पूर्व अध्यक्षों में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी एवं दिल्ली सरकार की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित रही हैं। बतातें चले कि शीला दीक्षित के निधन के बाद से यह पद 3 माह से खाली पड़ा था। पूर्व अध्यक्ष व भारत के राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने कहा था कि संस्कृत सम्मेलन एक ऐसा संगठन है, जिससे विद्वानों और जनता के विभिन्न वर्गो का सहयोग प्राप्त किया है।