गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या दिल्ली के तिहाड़ जेल में हुई। इसी बीच पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी की प्रतिक्रिया सामने आई है। किरण बेदी ने कहा है कि मुझे लगता है कि हमें प्रशिक्षण पर दोबारा काम करने की जरूरत है।हमें मॉक ट्रेनिंग पर काम करने की जरूरत है। कैदियों की आपस में मुलाकात भी नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा जो लोग इनसे (कैदियों से) मिलने आते हैं, उसकी प्रक्रिया अलग होनी चाहिए। हमें ये भी कोशिश करना चाहिए कि इनके अधिकतम ट्रायल वीडियो कॉल के माध्यम से हो।
टिल्लू ताजपुरिया को तिहाड़ जेल के अंदर ही मार डाला
दरअसल, गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया को कथित तौर पर प्रतिद्वंद्वी गोगी गैंग के चार सदस्यों- दीपक उर्फ तीतर, योगेश उर्फ टुंडा, राजेश और रियाज खान ने मंगलवार सुबह तिहाड़ जेल के अंदर ही मार डाला था।आरोपियों ने उस पर ’92 बार’ बार चाकू से वार किया। दिल्ली के बाहरी इलाके ताजपुर कलां का रहने वाला सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया कड़ी सुरक्षा के बीच तिहाड़ जेल में बंद था। सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार- गैंगस्टर सतिंदर सिंह बराड़, जिसे गोल्डी बराड़ के नाम से भी जाना जाता है, जिसके बारे में माना जाता है कि वह कनाडा में छिपा हुआ है, उसने बदला लेने का हवाला देते हुए ताजपुरिया पर हमले की जिम्मेदारी ली है।
कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने पर सहमति जताई
इस दौरान दिल्ली कारागार विभाग ने गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के संबंध में तिहाड़ जेल के सात कर्मियों को निलंबित कर दिया है। जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्होंने घटना की विभागीय जांच की. उन्होंने कहा, “रिपोर्ट शुक्रवार को मिली और नौ जेल कर्मियों की ओर से चूक पाई गई है. उनमें से सात- तीन सहायक अधीक्षक और चार वार्डर को निलंबित कर दिया गया है. हमने तमिलनाडु विशेष पुलिस बल के अधिकारियों के साथ बैठक की थी और उन्होंने भी अपने कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने पर सहमति जताई है.”