नई दिल्ली : जब तक हम अपनी वास्तविकता को स्वीकार नहीं करेंगे, तब तक हम खालीपन को भर नहीं पाएंगे। हम सब अपना सच जानते हैं, लेकिन जब तक इसे सार्वजनिक नहीं किया जाएगा, तब तक चीजें सही नहीं हो पाएंगी। उक्त बातें उप मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ‘मिशन बुनियाद’ पर जारी एक रिपोर्ट के अनावरण के दौरान कहीं।
इंडिया हैबिटेट सेंटर में शनिवार को एक कार्यक्रम में दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डीआईईटी), दिलशाद गार्डन द्वारा जारी रिसर्च रिपोर्ट ‘मिशन बुनियाद: ए केस स्टडी’ का अनावरण करते हुए सिसोदिया ने इस सकारात्मक काम के लिए डीसीपीसीआर व डीआईईटी की पूरी टीम की सराहना की। वहीं उन्होंने कहा कि मिशन बुनियाद पर जारी यह रिपोर्ट सभी नीति निर्धारकों के लिए है।
उन्हें इस पर सोच-विचार करना होगा कि बच्चों को क्या दिया जा रहा है और आगे क्या करने की जरूरत है।कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों व शिक्षकों को संबोधित करते हुए सिसोदिया ने कहा कि आज इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वीमिंग पूल, मैदान और अन्य बातों को लेकर दिल्ली के सरकारी स्कूलों का जिक्र हो रहा है, लेकिन असल में सबसे महत्वपूर्ण बात बुनियाद मजबूत करना है।
सरकार, शिक्षा विभाग के अधिकारी व शिक्षक मिलकर सरकारी स्कूलों में बच्चों की बुनियाद मजबूत कर रहे हैं। इस मौके पर डीसीपीसीआर के चेयरपर्सन रमेश नेगी ने कहा कि उन्होंने स्कूलों में बुनियादी ढांचे से आगे बढ़ने और बच्चों में मौजूद सीखने के अंतराल को भरने की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यक्रम में डीआईईटी दिलशाद गार्डन के प्रिंसिपल अनिल तेवतिया ने लिखित रिपोर्ट का अवलोकन किया। इस मौके पर शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शैलेंद्र शर्मा, डीसीपीसीआर के सदस्य अनुराग कूंदू और रंजना प्रसाद मौजूद रहीं।
सीखने में हुआ सुधार, पढ़ने की क्षमता बढ़ी
रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी स्कूलों में मिशन बुनियाद के कार्यान्वयन से तीसरी से पांचवीं और छठी से नौवीं के बच्चों के सीखने की क्षमता में सुधार हुआ है। जहां तीसरी से पांचवीं कक्षा में हिंदी की कहानी पढ़ने वाले बच्चों की संख्या में 12 फीसदी वृद्धि हुई है तो वहीं छठी से नौवीं कक्षा में भी और 15 फीसदी बच्चे हिंदी की उन्नत कहानियां पढ़ने लगे हैं।
इसके अलावा कक्षा तीसरी से पांचवीं में डिवीजन के सवालों का हल करने वाले बच्चों की संख्या में 20 फीसदी और छठी से नौवीं में 25 फीसदी की वृद्धि हुई है।