पश्चिमी दिल्ली : समयपुर बादली इलाके एक कारोबारी के नौकर को गोली मारकर लूटपाट करने के मामले में पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता पहलवान समेत चार साथियों के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी बदमाशों में मामा-भांजा भी शामिल हैं। पकड़े गए सभी बदमाश पहलवान हैं। पुलिस करीब 170 सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगालने के बाद बदमाशों तक पहुंची। पुलिस ने बदमाशों के पास से दो तमंचे, दो नकली नंबर प्लेट और वारदात में इस्तेमाल स्विफ्ट डिजायर कार बरामद की है।
बाहरी नार्थ जिला पुलिस के डीसीपी गौरव शर्मा के अनुसार, पकड़े गए बदमाशों की पहचान खेड़ाखुर्द निवासी दिनेश उर्फ राजा (30), सुल्तानपुरी निवासी लक्ष्य उर्फ सचिन (22), सिरसपुर निवासी हरदीप (27) और खेड़ाखुर्द निवासी रोबिन उर्फ सनी (28) के रूप में हुई है। आरोपी लक्ष्य वर्ष 2017 थाईलैंड में आयोजित इंडो-थाई चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल जीत चुका है। उसका सुल्तानपुरी में अखाड़ा है।
24 जुलाई की रात रोहिणी सेक्टर-18 में जिंदल स्टोर चलाने वाले अजय कुमार जिंदल अपने नौकर पंकज के साथ दुकान बंद कर रहे थे। इसी दौरान स्विफ्ट डिजायर कार पर सवार होकर आए चार बदमाशों ने अजय से बैग छीनने लगे। इस दौरान दहशत फैलाने के लिए एक बदमाश ने पंकज के पैर में गोली मार दी। घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच की जिम्मेदारी जिले के स्पेशल स्टाफ को सौंपी गई। इंस्पेक्टर अजय कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने जांच के दौरान घटनास्थल और उसके आसपास के करीब 170 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की, जिसमें दिखे बदमाशों की स्विफ्ट कार की पहचान करने में जुट गई।
आसपास के इलाके में छानबीन करने पर पुलिस ने सिरसपुर में उस कार की पहचान कर छापा मारक चारों बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि रुपए की जरूरत थी। इसलिए लूटपाट को अंजाम दिया। रॉबिन इलाके में कोलड्रिंक का सप्लाई करने वाले वाहन का ड्राइवर था। वह जिंदल स्टोर पर कोलड्रिंक सप्लाई करता था। घूमने के दौरान वह रेकी कर गैंग के सदस्यों के साथ वारदात को अंजाम देता था।
मोटी रकम की चाहत में दे रहे थे वारदात को अंजाम
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि दिनेश बेडशीट बेचता था। वह पानीपत से बेडशीट खरीदकर उसे दिल्ली में बेचता था। कुछ स्थानीय विक्रेता उसके रुपए लेकर भाग गए। पिछले एक साल से वह बेरोजगार था। उसे पत्नी का प्रसव कराने के लिए रुपए की जरूरत थी, जिसमें उसने अपने भांजे राबिन का सहयोग लिया।
लक्ष्य को अपने अखाड़े के लिए रुपए की जरूरत थी। वहीं हरदीप हरिद्वार में अपने भाई की सड़क हादसे में मौत के बाद उसकी फैक्ट्री चला रहा था। लेकिन घाटा होने के बाद उसकी फैक्ट्री बंद हो गई। उसके बाद वह अपराधिक वारदात को अंजाम देने लगा।