पश्चिमी दिल्ली : दिल्ली व अन्य राज्यों में खेल प्रतियोगिता का विज्ञापन देकर करीब पचास लाख रुपये से ज्यादा की ठगी करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस फर्जीवड़े का खुलासा तब हुआ, जब देशभर के खिलाड़ी और कोच दिल्ली के कंझावला स्थित गंगा इंटरनेशनल स्कूल पहुंचे। दरअसल विज्ञापन में इस स्कूल के नाम का ही पता दिया गया था। लेकिन वहां पहुंचने पर यह पता चला कि ऐसा कोई आयोजन नहीं है।
इसके बाद दूर दराज से आये लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। फिलहाल हंगामें के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर चंद घंटों में ही इस फर्जीवाड़ा को अंजाम देने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर तीन ठगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर पूरे नेटवर्क को खंगालने का प्रयास कर रही है। इसमें स्कूल के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है कि उन्हें इस फर्जीवाड़े के बारे में जानकारी थी या नहीं।
आरोपियों में अंकित ठाकुर, चंदन झा और सोनल कुमार शामिल हैं। इसमें से चंदन झा नोएडा का रहने रहने वाला है, जबकि अन्य दोनों आरोपी ग्रेटर नोएडा के रहने वाले हैं। इनके कब्जे से एक लाख, 58 हजार रुपये की नकदी, आईडी कार्ड व विजिटिंग कार्ड समेत कई फर्जी कागजात बरामद किए हैं। रोहिणी जिले के एडिशनल डीसीपी जितेन्द्र कुमार मीणा के अनुसार, बीते शनिवार को सवादा कंझावला स्थित गंगा इंटरनेशनल स्कूल के बाहर सैकड़ों बच्चे, उनके परिजन, कोच आदी हंगामा कर स्कूल में प्रवेश करने और स्कूल प्रशासन से बातचीत करने की कोशिश कर रहे थे।
हंगामा बढ़ता देखकर किसी ने पुलिस को मामले की सूचना दे दी। पुलिस मौके पर पहुंची तो हंगामा करने वाले लोगों ने बताया कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है। इसके बाद वर्मा नगर एटा यूपी के रहने वाले कबड्डी कोच रामू यादव के बयान पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला कि पीड़ितों ने स्कूल गेम एंड एक्टिविटी डेवलेपमेंट फाउंडेशन नामक फेसबुक पेज पर यूथ स्पोर्ट्स फेस्टिवल के नाम से विज्ञापन देखा था। जोकि 13 से 15 दिसंबर तक कराया जा रहा था।
जीतने वाले को एक लाख रुपये का इनाम देने आदी की बातें लिखी थी। प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए 2500 रुपये जमा कराने थे। विज्ञापन में कुछ मोबाइल फोन नंबर भी दिये गए थे। पता चला कि भारत के कई हिस्सों से दो हजार बच्चों ने प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन फीस जमा कराई थी। रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर जब रकम जमा करा दी गई तो आरोपियों ने सभी मोबाइल फोन नंबर बंद कर दिए।
शिकायतकर्ता से पता चला कि वह यहां पर 61 प्रतियोगियों की फीस जमा करा चुका था। कंझावला पुलिस ने पीड़ितों से आरोपियों के मोबाइल फोन नंबर लेकर उनको सर्विलांस पर लगाया। इसके बाद पुलिस टीम ने तीनों आरोपियों को इलाके से गिरफ्तार कर लिया। पूरे के खेल का मास्टर माइंड शिवम ठाकुर है। जिसने इस फर्जीवड़े की पूरी साजिश रची थी। पुलिस के मुताबिक, अंकित ठाकुर मुख्य आरोपी शिवम का चचेरा भाई है।
वारदात में सोनल कुमार आने वाले फोन को रिसीव करता था, जबकि चंदन शिवम को पिछले दो माह से जानता था। घर की आर्थिक स्थित खराब होने के कारण वह शिवम का साथ दे रहा था। ग्रेटर नोएडा के अंकित ठाकुर कुलेसरा इलाके का रहने वाला है।