लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

जेएनयू पहुंची एफएसएल की टीम दो और संदिग्धों से हुई पूछताछ

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) हिंसा की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की एसआईटी एक बार फिर साक्ष्यों को जुटाने के लिए एफएसएल की टीम के साथ जेएनयू पहुंची।

नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) हिंसा की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की एसआईटी एक बार फिर साक्ष्यों को जुटाने के लिए एफएसएल की टीम के साथ जेएनयू पहुंची। इसके अलावा जेएनयू में एडमिन ब्लॉक में बनाए गए पुलिस के अस्थाई ऑफिस में मंगलवार को पुलिस ने सुचेता तालुकदार और प्रिय रंजन कुमार से पूछताछ की। 
पुलिस ने सवाल जवाब करते हुए उनसे घटना वाले दिन का सीक्वेंस क्लियर करने की कोशिश की। हालांकि पुलिस सूत्रों का कहना है कि दोनों ही लोगों ने किसी भी तरह की हिंसा में अपना हाथ होने की बात से इनकार किया। तब पुलिस ने उनसे पूछा कि अगर वह हिंसा में शामिल नहीं थे तो वह उस वक्त कहां मौजूद थे या फिर कहां जा रहे थे। 
इसके अलावा पुलिस ने उन लोगों को भी नोटिस जारी कर जांच में शामिल होने के लिए कहा है, जो 5 जनवरी को हुई हिंसक घटना में घायल हो गए थे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि बार-बार कहने के बावजूद यह लोग पुलिस जांच में शामिल नहीं हुए। जिसके चलते इन्हें नोटिस जारी करना पड़ा। वहीं पुलिस अब तक इस मामले में करीब 8 लोगों से सवाल जवाब कर चुकी है। जिसमें जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष भी शामिल है।
सीसीटीवी फुटेज दिखाकर पूछताछ
सूत्रों के मुताबिक पुलिस टीम ने प्रिय रंजन कुमार और सुचेता से अलग-अलग पूछताछ की। उन्हें कुछ वायरल वीडियो व फोटो दिखाएं और उसमें नजर आ रहे लोगों के बारे में पूछताछ की। लेकिन उन्होंने फुटेज धुंधली होने के कारण नजर आ रहे लोगों को पहचानने से इंकार कर दिया। यहां बता दें कि प्रिय रंजन कुमार और सुचेता उन नौ संदिग्ध लोगों में शामिल हैं। 
जिन की तस्वीरें क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने बीते शुक्रवार को जारी करते हुए हिंसा में शामिल होने की बात कही थी। दोनों ही संदिग्ध आरोपियों ने खुलकर अपना पक्ष रखते हुए एसआईटी को लिखित जवाब दिया। सुचेता ने पुलिस को डेढ़ पन्ने में अपना लिखित बयान दिया है। 
उनका कहना है कि क्राइम ब्रांच की तरफ से उनसे पूछा गया था कि वह उस दिन कहां थी, घायलों छात्रों के बारे में बात की। इसके अलावा उनसे पूछा कि क्या वह इस हिंसा में शमिल लोगों को पहचानती है या नहीं। सुचेता एसएफआई की काउंसलर हैं, वही प्रिय रंजन कुमार माही मांडवी हॉस्टल में रहता है।
90 से ज्यादा पीसीआर कॉल… पुलिस सूत्रों की माने तो जेएनयू हिंसा मामले में करीब 90 से ज्यादा पीसीआर कॉल हुई थीं। फिलहाल पुलिस इन सभी पीसीआर कॉल को शॉर्टलिस्ट कर रही है। एसआईटी इन लोगों से भी पूछताछ करेगी। दरअसल पुलिस इन्हें चश्मदीदों की तरह देख रही है। पुलिस इन्हें पूरी तरह से अपने कॉन्फिडेंस में लेने के बाद घटनाक्रम को सही तरीके से जानने की कोशिश करेगी। पुलिस उनसे पूछेगी कि उन्होंने घटना के वक्त क्या सब देखा।
स्टिंग ऑपरेशन में फंसे अक्षत अवस्थी और रोहित शाह का अब तक पता नहीं 
एक न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में फंसे अक्षत अवस्थी और रोहित शाह का अब तक पुलिस कुछ अता पता नहीं लगा सकी है। दोनों शनिवार से ही अपने फोन बंद कर अंडर ग्राउंड हैं। एसआईटी को दोनों के ठिकानेेे का पता चला था। मगर वह वहां भी नहीं मिले। सूत्रों की मानें तो पुलिस छात्रों पर किसी भी तरह की सख्ती नहींं करेगी। पुख्ता सबूत मिलने के बाद ही पुलिस किसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
34 में से सिर्फ 4 छात्रों के बयान…
पांच जनवरी को हुई हिंसा में दो गुटों के कुल 34 छात्र घायल हो गए थे। जिन्हें अलग-अलग अस्पतालों में उपचार के बाद अगले दिन सुबह छुट्टी दे दी गई थी। इस घटना का सीक्वेंस जानने के लिए पुलिस लगातार इनके बयान लेने की कोशिश कर रही है। मगर अभी तक सिर्फ 4 छात्रों के ही बयान दर्ज हो सके हैं। इन्होंने मंगलवार को ही पुलिस इन्वेस्टिगेशन ज्वाइन की और अपने बयान दिए। फिलहाल बाकी अन्य लोगों के बयान के लिए पुलिस ने उन्हें नोटिस जारी किया है।
सर्वर से जरूरी डेटा खंगाल रही साइबर एफएसएल
जेएनयू के मेन सर्वर रूम में गत 3 जनवरी को छेड़छाड़ की गई थी। जिसके बाद उसे ठीक कर दिया गया था। मगर 4 जनवरी को फिर से सर्वर रूम को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया। साइबर एफएसएल की टीम सर्वर से जरूरी डेटा खंगाल रही है। सूत्रों का कहना है कि जेएनयू में लगे वाईफाई युक्त सीसीटीवी का सारा डाटा सर्वर में ही मौजूद था। 
ऐसे में साइबर एफएसएल सर्वर से डाटा निकालने की कोशिश कर रही है, ताकि पता चल सके कि लास्ट टाइम कौन लोग थे जो सर्वर रूम की तरफ आए या सरवर रूम के अंदर घुसे। साइबर एफएसएल की टीम ने मंगलवार को अपनी कार्रवाई की बुधवार को एक बार फिर एफएसएल की टीम सुबह जेएनयू पहुंचेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

7 − 2 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।