देश की राजधानी की तिहाड़ जेल में जल्द दी एक्स-रे आधारित मानव शरीर स्कैनर मशीनों का प्रयोग किया जाएगा जो जेल परिसर के अंदर अवैध वस्तुओं और गैजेट्स की घुसपैठ को रोकने में मदद करेगी। महानिदेशक (कारागार) संदीप गोयल ने बताया कि, दो पूर्ण-शरीर स्कैनर खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। तकनीकी मूल्यांकन चल रहा है और हम इसे अगले तीन महीनों में प्राप्त कर लेंगे। तिहाड़ जेल अपने अधिकारियों को कैदियों को सुविधाएं प्रदान करते हुए पकड़े जाने के बाद अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर रहा है। पिछले छह महीनों के दौरान विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा जेल में तीन दर्जन से अधिक अधिकारियों पर किसी न किसी तरह से कैदियों को लाभ पहुंचाने के लिए मामला दर्ज किया गया है।
जेलों में लगाए हैं सात हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरा
डीजी ने कहा कि पहले यह चंद्र बंधुओं, अजय चंद्रा और संजय चंद्रा यूनिटेक के पूर्व प्रमोटर और फिर करोड़पति ठग सुकेश चंद्रशेखर थे, जिनकी जेल के अंदर कई गैजेट्स तक पहुंच थी। बॉडी स्कैनर खरीदने के लिए परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड, मुंबई की अनुमति जरूरी है और उन्होंने इसके लिए अपनी मंजूरी दे दी है। तकनीकी मूल्यांकन में समय लगता है, जेल में जल्द ही उपकरण होंगे। बॉडी स्कैनर के अलावा, गोयल ने बताया कि, उन्होंने कैदियों पर कड़ी नजर रखने के लिए हाल ही में अपनी सभी जेलों में सात हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। डीजी ने कहा कि, हर जेल में कम से कम 500-600 कैमरे हैं। सीसीटीवी से ली गई फीड कम से कम 1 महीने तक रहती है।
जेल परिसर के अंदर तीन नए टावर कर रहे हैं स्थापित
गोयल ने कहा कि, कैदियों द्वारा मोबाइल फोन का उपयोग एक गंभीर चिंता का विषय है। हालांकि, उपयुक्त तकनीक के उपयोग से इससे निपटा जा सकता है। वे जेल परिसर के अंदर तीन नए टावर स्थापित कर रहे हैं जो जेल से निकलने वाले मोबाइल सिग्नल को सीमित कर देंगे। उन्होंने कहा कि, ये सभी उपाय सही दिशा में उठाए गए कदम हैं और भविष्य में फायदेमंद साबित हो सकते हैं।