नई दिल्ली : दिल्ली में आईटीओ पर स्काई वॉक को लेकर केन्द्र आैर दिल्ली सरकार में फंड को लेकर सियासत शुरू हो गई। इस अवसर पर पुरी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से दिल्ली सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। स्काई वॉक समेत दिल्ली में शहरी विकास से संबंधित चार प्रोजेक्ट वर्ष 2016 में ही स्वीकृत हो चुके थे, जिसमें स्काई वॉक भी शामिल था। लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा पहल नहीं किए जाने से इसमें देरी हुई।
उन्होंने कहा कि जब मैंने इन प्रोजेक्ट के स्टेटस जानने के लिए विभाग के अधिकारियों से बैठक की तो पता चला कि इन प्रोजेक्ट्स के लिए 80 फीसद फंड केंद्र सरकार को देना है और 20 फीसद फंड दिल्ली सरकार को देना था लेकिन दिल्ली सरकार ने यह फंड नहीं दिया। बाद में उस फंड के लिए डीडीए से कहा गया,जिसने फंड दे दिया। इसके बाद गत वर्ष 9 नवंबर को स्काई वॉक बनाने के लिए शिलान्यास किया गया था।
इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ने इस काम को ही नहीं रोका बल्कि दिल्ली-मेरठ आरआरटी प्रोजेक्ट और मेट्रो फेज के काम में भी देरी है। उन्होंने कहा कि जब भी हमने दोनों प्रोजेक्ट को स्वीकृति देने के बारे में मुख्यमंत्री केजरीवाल से पूछा तो उन्होंने कहा कि अभी सोच-विचार चल रहा है। पुरी ने कहा कि अर्बन डेवलेपमेंट फंड से पूरे होने वाले कम रोके नहीं जाते। इन्हें हर हाल में पूरा किया जाता है।
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दिल्ली सरकार ने भी दिया फंड
आईटीओ पर तैयार हुआ स्काईवॉक को लेकर दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। दिल्ली सरकार ने कहा कि केंद्र का दावा गलत है, दिल्ली सरकार ने भी इस प्रोजेक्ट के लिए 12 करोड़ रुपये दिए। वहीं यह प्रोजेक्ट दिल्ली सरकार ने ही तैयार किया था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सलाहकार नागेंद्र शर्मा ने प्रोजेक्ट से जुड़े पेपर दिखाते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट में 12 करोड़ रुपये दिल्ली सरकार ने दिए हैं। इसके अलावा यह प्रोजेक्ट लोक निर्माण विभाग द्वारा तैयार किया गया है। वहीं अन्य अधिकारी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को 2006-07 में तैयार किया गया था जिसे 2010 राष्ट्रमंडल खेलों से पहले तैयार करना था। लेकिन फुट ओवर ब्रिज के रूप में इसे पास नहीं किया गया। 2013-14 में पीडब्ल्यूडी ने नया प्रस्ताव बनाना शुरू किया।