नई दिल्ली : जेएनयूएसयू चुनाव शुक्रवार को ढोल-नगाड़ों, बाजा, गगनचुंभी नारों और जश्न के साथ शाम करीब 5.30 बजे तक समाप्त हो गए। इसके साथ ही अध्यक्ष सहित कुल 14 उम्मीदवारों का भविष्य मतदान पेटी में बंद हो गया है। वहीं शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू चुनाव परिणाम पर रोक लगाते हुए कहा है कि अगर चुनाव समिति अगली सुनवाई तक परिणाम घोषित करती है तो वह नोटिफाई नहीं होगा।
शुक्रवार को एक घंटे की देरी से करीब 10.20 मिनट पर मतदान शुरू हुआ। इस बीच मतदान करने आए छात्रों की लंबी लाइन दिखाई दी। हालात यह रहे कि शाम करीब चार बजे के आसपास जेएनयू में हल्की बारिश होने लगी बावजूद इसके छात्रों में वोट के प्रति उत्साह कम नहीं हुआ। छात्र बारिश में भीगकर भी लाइनों में बने रहे। इस बार कुल वोटिंग 5762 (67.9 फीसदी) रही। हालांकि यह पिछले साल की तुलना में प्वाइंट वन फीसदी कम है। गत वर्ष 68 फीसदी मतदान हुआ था।
आखिरी दिन भी विवादों के काले बादल…
जेएनयू चुनाव के आखिरी दिन भी विवादों का काला बादल छाया रहा। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) और वाम संगठनों ने चुनाव के दौरान एबीवीपी के पक्ष में वोट डालने का आरोप शिक्षकों पर लगाया है। यही नहीं एनएसयूआई व वाम दलों ने इस मामले को लेकर चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई है। इनका आरोप है कि जेएनयू के ही प्रोफेसर बुद्धा सिंह ने एबीवीपी के पक्ष में वोट डालने के लिए छात्रों को प्रेरित किया है। इस संबंध में एक वीडियो भी वायरल किया गया है। हालांकि प्रो. बुद्धा ने सभी आरोपों को खारीज करते हुए कहा है कि ये वीडियो दो-तीन दिन पुराना है।
त्रिकोणीय मुकाबला…
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चल पाएगा कि कौन जीता और कौन हारा। इस बार अध्यक्ष पद पर त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं। इसमें वाम गठबंधन, एबीवीपी और बापसा के बीच सीधी टक्कर नजर आ रही है।
पिछले तीन सालों से सत्ता में रहने और गठबंधन का चेहरा बदलने की वजह से गठबंधन के साथियों के बीच हुई तकरार के बीच जहां वाम के लिए पिछला प्रदर्शन दोहराना चुनौती बना हुआ है। वहीं एबीवीपी को पिछले कुछ सालों में शुरू हुए नए केंद्र व इस बार आए नए छात्रों के मत प्राप्त होने की उम्मीद है। छात्र राजद के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार प्रिंयका भारती भी सारे समीकरण को खराब करने की क्षमता रखती हैं।
चुनाव समिति ने दी डीन के खिलाफ शिकायत… उधर चुनाव समिति के अध्यक्ष शशांक पटेल ने भी शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के अध्यक्ष उमेश कदम जो डीन भी हैं पर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि डीन मतदान केंद्र के अंदर जाकर चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया।
यह लिंगदोह समिति की सिफारिशों और हाईकोर्ट के एक आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने, उल्लंघन पर चुनाव समिति की कार्रवाई पर टिप्पणी नहीं की। इस मामले में जब डीन से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनसे फोन पर संपर्क नहीं हो सका।