G20 Summit: विदेशी मेहमानों के लिए सजेगा ‘Mall of India’, दिखेगा शिल्प कला की खूबसूरती का नजारा

राजधानी दिल्ली में जल्द ही जी 20 समिट होने जा रही है। बता दें सम्मेलन में शामिल होने वाले सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों और उनके प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों की सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर तैयारियों को अब फाइनल टच देने का काम जारी है।
G20 Summit: विदेशी मेहमानों के लिए सजेगा ‘Mall of India’, दिखेगा शिल्प कला की खूबसूरती का नजारा
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राजधानी दिल्ली में जल्द ही जी 20 समिट होने जा रही है। बता दें सम्मेलन में शामिल होने वाले सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों और उनके प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों की सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर तैयारियों को अब फाइनल टच देने का काम जारी है। आपको बता दें सम्मेलन के दौरान विदेशी मेहमानों को भारत और दिल्ली की विशेषताओं से रुबरु कराने के लिए भी अलग से विशेष तैयारी है,इस योजना के तहत जी-20 सम्मेलन स्थल के बिल्कुल करीब प्रगति मैदान में विदेशों से आने वाले मेहमानों के लिए अनोखा शिल्प बाजार लगाया जा रहा है।इस बाजार को 'मॉल ऑफ इंडिया' नाम दिया गया है। 
अन्य राज्यों की विशेषताओं से संबंधित शिल्पकारी का प्रदार्शन
शिल्प बाजार में मेहमानों के सामने देश के विभिन्न राज्यों की शिल्प कला प्रदर्शित की जाएगी, जो अलग-अलग राज्यों की विशेषताओं को प्रदर्शित करेगी। यहां मधुबनी पेंटिंग, बनारस की प्रसिद्ध बनारसी साड़ियां, लखनऊ का चिकन, मध्य प्रदेश के चंदेरी शिल्प और गुजरात के शिल्प के साथ देश के अन्य राज्यों की विशेषताओं से संबंधित शिल्पकारी का प्रदार्शन किया जाएगा। 
 शिल्प बाजार में  प्रदर्शन बखूबी किया जाएगा
दरअसल, भारतीय शिल्प कला का इतिहास हमेशा बहुत प्रसिद्ध रहा है. विशेष आयोजनों के साथ रोजाना कई रूप में इस्तेमाल की जाने वाली विभिन्न तरह की कलाकृतियों, आकृतियों, आभूषणों, वस्त्रों आदि को हाथों से सुंदर कलाकृति का रूप देना तथा उन्हें व्यवसाय का भी जरिया बनाना रचनात्मक कलाकृति की खास पहचान है। शिल्पकार अपने कड़ी मेहनत से पत्थरों पर लगातार अपने हुनर को दिखाते हुए नक्काशी कर बेहतरीन रूप देते हैं। यूपी के साथ बिहार के शिल्प को भी यहां जगह दी गई है। बिहार के प्रसिद्ध मधुबनी की अद्भुत पेंटिंग, कांच शिल्प और बौद्ध एवं मौर्य काल से चली आ रही कालीन बनाने की परंपरा का भी इस शिल्प बाजार में  प्रदर्शन बखूबी किया जाएगा। 
लकड़ी की पेंटिंग समेत अन्य प्रकार की वस्तुएं भी यहां लाई जा रही 
बता दें मध्य प्रदेश के ग्वालियर और मुरैना जिले की सीमा पर बसे गुना जिले के समीप चंदेरी गांव की कला से भी मेहमान को रूबरू कराया जाएगा। यहां की बहुचर्चित साड़ी की खासियत ये है कि अगर इसे अपने हाथों में लें तो मुट्ठी में समा जाती है। इसी तरह हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की खूबसूरत कालीन, शाल, पेंटिंग, मेटलवेयर और लकड़ी की पेंटिंग समेत अन्य प्रकार की वस्तुएं भी यहां लाई जा रही है। 

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