दरअसल, भारतीय शिल्प कला का इतिहास हमेशा बहुत प्रसिद्ध रहा है. विशेष आयोजनों के साथ रोजाना कई रूप में इस्तेमाल की जाने वाली विभिन्न तरह की कलाकृतियों, आकृतियों, आभूषणों, वस्त्रों आदि को हाथों से सुंदर कलाकृति का रूप देना तथा उन्हें व्यवसाय का भी जरिया बनाना रचनात्मक कलाकृति की खास पहचान है। शिल्पकार अपने कड़ी मेहनत से पत्थरों पर लगातार अपने हुनर को दिखाते हुए नक्काशी कर बेहतरीन रूप देते हैं। यूपी के साथ बिहार के शिल्प को भी यहां जगह दी गई है। बिहार के प्रसिद्ध मधुबनी की अद्भुत पेंटिंग, कांच शिल्प और बौद्ध एवं मौर्य काल से चली आ रही कालीन बनाने की परंपरा का भी इस शिल्प बाजार में प्रदर्शन बखूबी किया जाएगा।