नयी दिल्ली : वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने आजादी के 70 साल बाद भी देश में दलित और अन्य कमजोर समुदायों के लोगों में असुरक्षा का भाव होने को शर्मनाक बताते हुये कहा कि केन्द्र की मौजूदा सरकार समाज को बांटने का काम कर रही है। दलित समुदाय के लोगों पर हो रहे हमलों के विरोध में यहां आयोजित धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुये यादव ने कहा कि पिछले चार सालों में कमजोर एवं उपेक्षित वर्ग के लोगों पर अत्याचार में बेतहाशा बढ़ोतरी के कारण हालात बदतर हुये हैं। उन्होंने सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से कहा कि औसतन हर 15 मिनट में दलित के खिलाफ कोई न कोई अपराध हो रहा है और एक दिन में छह दलित महिलाएं बलात्कार की शिकार हो रही है।
इसी तरह औसतन दो दलितों की प्रतिदिन हत्या और 11 दलितों के साथ मारपीट की वारदात हो रही है। उन्होंने कहा कि दलितों के घरों को जलाया जाना और शादी के जश्न में दलितों की बारात ऊंची जाति के लोगों के घर के सामने से नहीं निकालने देने की घटनायें बताती हैं कि दलितों के साथ मनुष्यों जैसा बर्ताव नहीं हो रहा है। उन्होंने इसे बेहद शर्मनाक बताते हुये इसके लिये भाजपा की अगुवाई वाली केन्द्र और विभिन्न राज्यों की सरकारों को जिम्मेदार ठहराया। यादव ने कहा कि सभ्य समाज में यह स्थिति कतई स्वीकार्य नहीं है।
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