पश्चिमी दिल्ली: एनजीटी ने दिल्ली सरकार के ऑड-ईवन संबंधित रिव्यू पीटिशन (पुनर्विचार याचिका) को एक बार फिर से खारिज कर दिया है। बेंच ने सरकार की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस तरह की छूट से दिल्ली में एयर क्वालिटी में सुधार लाने के उद्देश्य को झटका लगेगा। सरकार ने एनजीटी के उस फैसले पर पुनर्विचार याचिका लगाई थी जिसमें ऑड-ईवन के तहत किसी को भी छूट नहीं देने के निर्देश दिए थे।
लेकिन शुक्रवार को एनजीटी ने छूट देने संबंधी सरकार की रिव्यू पीटिशन को सिरे से नकार दिया। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली बेंच ने पर सुनवाई के दौरान कहा कि ऑड-ईवन के तहत दो पहिया वाहनों और महिलाओं को भी छूट नहीं दी जा सकती। एनजीटी ने यह भी कहा कि राजधानी के 60 लाख दोपहिया वाहनों को इस ऑड-ईवन फॉर्मूले से छूट नहीं दी जा सकती है। इस वाहन पर सफर तो कम लोग करते हैं लेकिन प्रदूषण ज्यादा करते हैं। बेंच ने दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (डीटीसी) को भी सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार व पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम दुरुस्त करने के लिए बसों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले भी बीते सप्ताह ही बेंच ने सख्ती दिखाते हुए स्पष्ट किया था कि यदि 48 घंटों के भीतर सरकार ने एक्शन प्लान पेश नहीं किया तो सरकार पर भारी जुर्माना ठोका जाएगा।
एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली बेंच ने मीडिया रिपोट्र्स का हवाला देकर कहा कि अखबारों में आए दिन दिल्ली की प्रदूषण की समस्या को प्रकाशित किया गया लेकिन सरकार ने इस दिशा में कोई प्रयास क्यों नहीं किया। साथ ही दिल्ली सरकार से इस बाबत एक्शन प्लान मांगा था। इस पर सरकार ने प्लान भी पेश किया था। सरकार ने एनजीटी के समक्ष यह आश्वासन भी दिया था कि एनजीटी के निर्देशानुसार ही ऑड-ईवन स्कीम लागू की जाएगी। इसमें किसी को भी किसी प्रकार की कोई छूट नहीं दी जाएगी। लेकिन सरकार ने फिर से मामले में रिव्यू पेटिशन दाखिल कर दी थी। जिसे शुक्रवार को एनजीटी ने खारिज कर दिया।
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