नई दिल्ली : नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मांग की है कि दिल्ली सरकार रिजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आरआरटीएस) पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में 22 अगस्त से प्रारंभ होने वाले विधानसभा के सत्र में वित्तीय वर्ष 2019-20 तथा 2020-21 के लिए वित्त व्यवस्था करें। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सरकार विधानसभा में इसके लिए पूरक मांगें (सप्लीमेंट्री डिमांड) लेकर आए जिससे जनहित की महत्वपूर्ण योजना पर अविलंब काम शुरू किया जा सके।
न्यायालय ने दिल्ली सरकार को आदेश दिए हैं कि वह आरआरटीएस के लिए अपने राजस्व से फंड जुटाए। उसने एनवायरनमेंट कंपेन्सेशन चार्ज के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। नेता विपक्ष ने कहा कि न्यायालय ने पांच अगस्त के आदेश द्वारा दिल्ली अलवर आरआरटीएस कॉरिडोर हेतु इन्वायरमेंट कंपेन्सेशन चार्ज के इस्तेमाल पर रोक लगाने के साथ ही यह आदेश दिए गए हैं कि सरकार इसके लिए अपने राजस्व से उचित प्रावधान भी करे।
दिल्ली सरकार को न केवल दिल्ली अलवर कॉरिडोर के लिए, बल्कि दिल्ली मेरठ कॉरिडोर के लिए भी अपने राजस्व से राशि जुटानी होगी। पहले न्यायालय ने समय की कमी को देखते हुए आरआरटीएस में एनवायरनमेंट कंपेन्सेशन चार्ज के लिए अस्थाई अनुमति दे दी थी, लेकिन न्यायालय के नवीनतम आदेशों के बाद यह अनुमति वापिस ले ली गई है और दिल्ली सरकार को अपने राजस्व से ही फंड जुटाने होंगे।
दिल्ली सरकार ने दो अगस्त को कैबिनेट में लिये गए निर्णय के अनुसार दिल्ली अलवर कॉरिडोर निर्माण को मंजूरी तो दे दी थी, उसमें शर्त लगा दी थी कि हमारे पास पर्याप्त फंड नहीं है। अतः निर्माण में आने वाला खर्च इन्वायरमेंट कंपेन्सेशन चार्ज से लिया जाए।