नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने की स्थिति में एनजीटी ने दिल्ली सरकार को स्कूलों को बंद करने पर विचार करने का निर्देश जारी किया है। एक मामले की सुनवाई के दौरान एनजीटी ने कहा कि बच्चों को प्रदूषण से बचाने के लिए इस तरह के उपाय करने पर सरकार को विचार करना चाहिए। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली बेंच ने आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार को ऐसे मामलों के मद्देनजर एक्शन प्लान तैयार कर वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने को कहा है। बेंच ने कहा कि पीएम का स्तर 900 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर से अधिक होने की स्थिति में स्कूल बंद क्यों नहीं करते।
जरूरत पड़ने पर इसकी क्षतिपूर्ति के लिए शनिवार और रविवार को स्कूल खोलें जाएं। दिल्ली सरकार की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि छात्र की पढ़ाई प्रभावित होगी। लिहाजा इसे लागू करना मुश्किल है। सरकार की ओर से यह दलील भी दी गई कि सर्दी के मौसम में लगभग तीन माह तक वायु की गुणवत्ता खराब रहती है। यदि इतने दिन स्कूलों को बंद रखा जाए तो सिलेबस पूरा नहीं हो पाएगा और परीक्षाओं को स्थगित करना पड़ेगा। इस पर असंतोष व्यक्त करते हुए बेंच ने कहा कि आप अपनी ड्यूटी को पूरा नहीं करते और निर्देश देने पर कारण गिनाते हैं। बेंच ने यह भी कहा कि सरकार बच्चों की जिंदगी खराब कर रहे हैं।
राजधानी के शिशु एंटीबायटिक लेने को मजबूर हैं। सरकार के कारण लोगों को भुगतना पड़ रहा है। बेंच ने कहा कि सरकार ने पिछले 12 सालों के दौरान वायु की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए एक भी कदम नहीं उठाया। एनजीटी ने स्कूलंो में एयर प्यूरिफायर न लगाने के लिए भी दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। इससे पहले प्रदूषण से निपटने के लिए 6 दिसबंर को एनजीटी ने दिल्ली सरकार समेत पड़ोसी राज्यों से एक्शन प्लान मांगा था।
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