नई दिल्ली : दिल्ली नगर निगम के भवन विभाग में चल रहे कथित भ्रष्टाचार मामले में दिल्ली सरकार जांच करवाएगी। दरअसल नियम 280 के तहत चर्चा करते हुए मालवीय नगर से विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि दिल्ली नगर निगम के भवन विभाग में अवैध तरीके से वसूली चल रही है। यहां नियम को ताक पर रखकर बेलदार रखे गए हैं। उन्हीं के माध्यम से विभाग अवैध वसूली करता है। उन्होंने कहा कि जब निगम से बुक किए गए भवनों की जानकारी मांगी गई तो उन्होंने जानकारी नहीं दी। यहीं नहीं बुक होने के बाद भी वह भवन बनकर तैयार हो गए हैं।
इस मामले में शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने उत्तर देते हुए कहा कि निगम के भवन विभाग में भ्रष्टाचार व्याप्त हैं। यहां के नेता रिश्वत लेना अपना जन्मसिद्ध अधिकार मानते हैं। निगम में बिल्डिंग रेगुलेशन एक्ट के तहत नक्शे पास होते हैं, बिल्डिंग बनाई जाती है। इस सदन में जितने सदस्य हैं सभी को पता है कि उनके इलाके में क्या रेट चल रहा है। उन्होंने नेता विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह उनके साथी हैं। जैन ने कहा कि मुझे पता है मेरे राज्य में 2 लाख रुपये प्रति लेंटर लिया जाता है।
ये लोग रिश्वत खाने को अपना जन्मसिद्ध अधिकार मानते हैं और जब रिश्वत के बारे में बात होती है तो चिल्लाने लगते हैं। उन्होंने कहा कि एमसीडी के भीतर 15 साल पहले मेट सिस्टम हुआ करता था। इसको ऑफिशियली खत्म कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि निगमायुक्त से इस बारे में पूछा है। यह अवैध तरीके से यह चल रहा है। इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि निगम के भ्रष्टाचार के कारण किसी दिन दिल्ली में बड़ा हादसा हो सकता है।
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