गुजरात हाई कोर्ट ने साबरकांठा में 14 महीने की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले की सुनवाई के लिए एक त्वरित अदालत गठित की है। इस घटना के विरोध में प्रवासियों के खिलाफ हिंसा हुई और राज्य से बड़ी संख्या में हिंदीभाषी श्रमिकों का पलायन हुआ।
उच्च न्यायालय ने सूरत जिले में लड़कियों के साथ बलात्कार के दो अलग-अलग मामलों की शीघ्र सुनवाई के लिए भी एक अन्य त्वरित अदालत गठित की तथा इसके लिए एक विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया। गुजरात सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा कि साबरकांठा दुष्कर्म मामले में, प्रधान जिला न्यायाधीश के बी गुजराती को त्वरित अदालत का न्यायाधीश नियुक्त किया गया है।
साबरकांठा जिले में, 28 सितंबर को हिम्मतनगर शहर के पास एक गांव में एक प्रवासी श्रमिक द्वारा बच्ची के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया था। आरोपी रविंद्र साहू को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था। इस घटना के बाद राज्य के कुछ हिस्सों में हिंदी भाषी राज्यों के प्रवासी श्रमिकों पर हमले हुए।