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पुलिस को बंधक बनाने के बयान पर गुरनाम सिंह की सफाई – सरकार की दमनकारी नीति का विरोध जरूरी

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता गुरनाम सिंह चढ़ूणी ने पुलिसकर्मियों को बंधक बनाने की अपील वाले अपने बयान पर सफाई दी है।

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता गुरनाम सिंह चढ़ूणी ने पुलिसकर्मियों को बंधक बनाने की अपील वाले अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि पुलिस किसानों की दुश्मन नहीं है लेकिन सरकार जिस तरीके से दमनकारी नीति अपना रही है, उसका विरोध करना जरूरी है। इसलिए हरियाणा में अगर दिल्ली पुलिस किसी को गिरफ्तार करने के लिए आती है तो उनका गांव वाले मिलकर घेराव करेंगे।
गुरनाम सिंह ने कहा कि उन्होंने हरियाणा में लोगों से अपील की है कि आंदोलन में शामिल किसी भी किसान की गिरफ्तारी के लिए अगर दिल्ली पुलिस किसी गांव में जाती है तो वो उनका घेराव करें और उन्हें तब तक वापस जाने ना दें जब तक सरकार अपनी दमनकारी नीति छोड़ ना दे। उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण चल रहा है इसलिए सरकार दमनकारी नीति का सहारा ले रही है।
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर स्थित धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों की तादाद घटने और किसान आंदोलन कमजोर पड़ने को लेकर पूछे गए सवाल पर गुरनाम सिंह चढ़ूणी ने कहा कि पिछले दिनों जगह-जगह महापंचायत हुई जिसके कारण बॉर्डर पर लोगों की संख्या कम हो गई, लेकिन अब घटनास्थल पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को इकट्ठा करने पर जोड़ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आंदोलन कमजोर नहीं हुआ है और यह आंदोलन तब तक चलता रहेगा जब तक इसका मकसद पूरा नहीं होगा।
आंदोलन के मकसद को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार जब तक तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेगी तब तक आंदोलन का मकसद पूरा नहीं होगा।सरकार से आगे बातचीत की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं। सरकार जब बुलाएगी तब हम जाएंगे।
चढ़ूणी ने किसान आंदोलन को मजबूत करने के लिए दलितों और आम जनता से इसमें शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि आंदोलन दरअसल शोषक और शोषित वर्ग के बीच की लड़ाई है।

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