दिल्ली में सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की कार्यकारिणी चुनाव में शिरोमणि अकाली दल के हरमीत सिंह कालका को अध्यक्ष चुना गया है। इस पद के लिए हरमीत सिंह कालका व परमजीत सिंह सरना उम्मीदवार थे। साथ ही चेयरमैन पद की इस प्रक्रिया को पूरा कराने के लिए गुरुदेव सिंह कार्यवाहक चेयरमैन चुना गया था। दरअसल नियम के तहत चेयरमैन पद के लिए चुनाव संपन्न कराने के लिए एक सदस्य को कार्यवाहक चेयरमैन चुना जाता है, जिसकी निगरानी में चेयरमैन (प्रधान) पद के लिए चुनाव प्रक्रिया होती है।
51 सदस्यों में से 29 सदस्यों का मिला वोट
शनिवार दोपहर से ही चुनाव प्रक्रिया को शुरू किया गया। हरमीत सिंह कालका को 51 सदस्यों में से 29 सदस्यों का वोट हासिल हुआ। हरमीत सिंह कालका के अध्यक्ष चुने जाने के बाद हरविंदर सिंह केपी को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, आत्मा सिंह लुभाणा को जूनियर वाइस प्रेसीडेंट और जगदीप सिंह काहलों को महासचिव चुना गया है।
कई बार आपसी विवाद भी हुआ
चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद शनिवार देर रात ही इसकी घोषणा कर कालका को अध्यक्ष घोषित कर दिया गया, हालांकि शनिवार दोपहर शुरू हुई इस प्रक्रिया में कई बार आपसी विवाद भी होता रहा, जिसके कारण पुलिस की सहायता भी लेनी पड़ी। लेकिन इन सब गतिरोध के बीच चुनाव होने के बाद अध्यक्ष पद के लिए नियुक्ति की गई।
46 संगत द्वारा चुने जाते हैं
दरअसल डीएसजीएमसी के कुल 55 सदस्य होते हैं, जिनमें से 46 संगत द्वारा चुने जाते हैं। वहीं, दो सदस्यों का चुनाव कमेटी के चुने हुए 46 सदस्य मतदान के जरिये करते हैं। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) का एक प्रतिनिधि भी डीएसजीएमसी का सदस्य होता है।
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51 को ही मतदान करने का अधिकार होता है
इसके अलावा दिल्ली की सिंह सभाओं के अध्यक्षों में से से दो को कमेटी का सदस्य बनाया जाता है। इनका चयन लाटरी से होता है। 55 सदस्यों की कमेटी में 51 को ही मतदान करने का अधिकार होता है जो अध्यक्ष और कार्यकारिणी के अन्य पदाधिकारियों को चुनने के लिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।