सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद प्रवेश वर्मा के कथित नफरती भाषणों के लिए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली माकपा नेता बृंदा करात व के.एम.तिवारी की याचिका सोमवार को एक अन्य पीठ को भेज दी। करात ने यहां शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में प्रदर्शन पर उनकी (ठाकुर और वर्मा की) कथित टिप्पणियों के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने से निचली अदालत के इनकार करने के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की पीठ को सूचित किया गया कि इसी तरह का मामला एक अन्य पीठ के समक्ष लंबित है। याचिकाकर्ताओं के वकील ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ की अध्यक्षता वाली पीठ नफरती भाषणों के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली कुछ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। शीर्ष अदालत ने कहा कि बेहतर होगा कि मामले को उसी पीठ के समक्ष रखा जाए।
पीठ ने कहा, “मामले को माननीय प्रधान न्यायाधीश के आदेशों के अधीन उसी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।” शीर्ष अदालत दिल्ली हाई कोर्ट के 13 जून, 2022 के आदेश को चुनौती देने वाली करात की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। हाई कोर्ट ने ठाकुर और वर्मा के खिलाफ उनके कथित नफरती भाषणों के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने से निचली अदालत के इनकार को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था।