दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह एक धनशोधन मामले में राबर्ट वाड्रा को मिली अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर 25 नवंबर को अंतिम दलीलें सुनेगा। ईडी के वकील ने अदालत को सूचित किया कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता उच्चतम न्यायालय में व्यस्त हैं। इसके बाद न्यायमूर्ति चंद्र शेखर ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
जांच एजेंसी ने पहले अदालत से कहा था कि वह वाड्रा से हिरासत में पूछताछ करना चाहती है क्योंकि धनशोधन निवारण कानून के प्रावधानों के तहत दर्ज मामले में पैसों का लेनदेन कथित तौर पर उनसे सीधे जुड़ा है। ईडी ने दावा किया था कि वाड्रा जांचकर्ताओं से सहयोग नहीं कर रहे हैं।
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कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के दामाद वाड्रा को लंदन में एक संपत्ति की खरीद को लेकर धनशोधन के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। वाड्रा ने ईडी की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जांच में उनके सहयोग नहीं करने का एक भी उदाहरण नहीं है और किसी भी सबूत के साथ उनके छेड़छाड़ करने का कोई खतरा नहीं है क्योंकि एजेंसी ने मामले से संबंधित हर दस्तावेज उनसे पहले ही जब्त कर लिया था।
जांच एजेंसी ने इस आधार पर वाड्रा की अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग की है कि उन्हें हिरासत में लेने की आवश्यकता है क्योंकि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। विदेश भागने की आशंका पर वाड्रा ने अपने जवाब में कहा कि ईडी उनकी जांच कर रही है, ऐसी खबरें पढ़ने के बाद भी विदेश से स्वेच्छा से भारत लौटने के उनके आचरण से स्पष्ट होता है कि देश छोड़कर बाहर जाने का उनका कोई इरादा नहीं है और वह भारत में रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं।