आज सुप्रीम कोर्ट राम जन्मभूमि विवाद पर सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 2010 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए दायर किए गए 13 अपील पर सुनवाई करेगी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अयोध्या में विवादित स्थल के तीन तरह के विभाजन को अनिवार्य किए जाने का फैसला सुनाया था। शीर्ष कोर्ट ने इसके पहले मामले में 32 हस्तक्षेप याचिका को खारिज कर दिया था इसमें श्याम बेनेगल, अपर्णा सेन और तीस्ता सेतलावद की याचिका भी शामिल थी।
इसके पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में अशोक भूषण, अब्दुल नजीर की न्यायिक पीठ ने अयोध्या मामले में किसी भी तरह के हस्तक्षेप आवेदन को स्वीकार करने से मना कर दिया था। शीर्ष अदालत ने बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के हस्तक्षेप की याचिका को भी खारिज कर दिया था।
आपको बता दें कि 1528 में अयोध्या मामले में हिंदू कारसेवकों ने दावा किया है कि वहां मूल रूप से राम मंदिर का निर्माण किया गया था। आपको बता दें कि 1994 के इस्माइल फारुखी फैसले में मस्जिद को इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं माना गया था। इससे पहले अयोध्या मामले में 14 मार्च को दिए अपने अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने तीसरे पक्ष द्वारा दायर हस्तक्षेप की सभी 32 याचिकाएं खारिज कर दीं थी।
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