नई दिल्ली : दिल्ली सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार और शिक्षा प्रणाली में बदलाव के चाहे जितने भी दावे किए जाएं, लेकिन यह भी सत्य है कि सरकारी स्कूलों में स्थाई शिक्षकों की भारी कमी खल रही है। हालात ये हैं कि अगर आज सरकारी स्कूलों से गेस्ट टीचर्स को हटा दिया जाए तो स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक ही उपलब्ध नहीं होंगे। पब्लिक प्रोटेक्शन मूवमेंट के निदेशक जीशान हैदर द्वारा लगाई गई आरटीआई में मिले जवाब के मुताबिक सरकारी स्कूलों में लगभग 22055 गेस्ट टीचर्स पढ़ा रहे हैं।
शिक्षा निदेशालय द्वारा सेक्शन टीजीटी शिक्षक के कुल 32977 पदों में 16383 स्थाई शिक्षक हैं और गेस्ट टीचर्स की संख्या 13306 है, जबकि 3023 पद खाली हैं। वहीं 3 जनवरी तक के आंकड़ों के मुताबिक स्कूलों में लेक्चरर के कुल 15446 पद सेक्शन हैं। इनमें 10382 पदों पर स्थाई शिक्षक और 4157 पदों पर गेस्ट टीचर्स नियुक्त हैं। जबकि 907 पद खाली हैं। जीशान हैदर के मुताबिक उनके द्वारा लगाई गई आरटीआई में कई प्रश्नों का जवाब नहीं दिया गया है।
शिक्षा निदेशालय द्वारा वर्ष 2015 से 20 दिसंबर 2018 तक सभी जिलों में सरकारी स्कूलों के कितने शिक्षकों को सस्पेंड और बर्खास्त किया गया? कारण सहित इसका ब्यौरा दिया जाए। स्कूलों में कितने सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इनमें कितने खराब हैं और कितने सही हैं? कितने शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा निदेशालय को शिकायत मिली? आरटीआई में इन सभी प्रश्नों की जानकारी मुहैया नहीं करवाई गई है।
– दिनेश बेदी