जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा के बाद सोमवार को सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती की गई है। विश्वविद्यालय के अधिकारी केवल वैध पहचान पत्र वाले छात्रों को ही परिसर के अंदर जाने की अनुमति दे रहे हैं। सूत्रों के अनुसार छात्रावासों, प्रशासनिक खंड और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों के बाहर सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।
वहीं इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि दंगा करने और सम्पति को नुकसान पहुंचाने के संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। साथ ही हिंसा में घायल हुए 34 छात्रों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
मायावती बोलीं- जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों के साथ हुई हिंसा शर्मनाक, हो न्यायिक जांच
जेएनयू हिंसा के विरोध में सोमवार सुबह ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ पर एकत्र हुए छात्रों ने हिंसा के खिलाफ नारेबाजी की। मुंबई के विभिन्न कॉलेजों के अधिकतर छात्र ताज महल पैलेस होटल के पास एकत्रित हुए। छात्र ने कहा कि यह तत्काल आहूत किया मार्च था।
जेएनयू परिसर में रविवार रात उस वक्त हिंसा भड़क गयी थी, जब लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था जिसके बाद प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा था। इस हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित कम से कम 28 लोग घायल हुए हैं।
प्रत्यदर्शियों ने आरोप लगाया है कि हमलावर जेएनयू परिसर में तब घुसे जब जेएनयू शिक्षक संघ परिसर में हिंसा और छात्रों तथा प्रोफेसरों पर हमलों के मुद्दे पर बैठक कर रहे थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वे तीन छात्रवासों में भी घुसे। कुछ टीवी चैनलों पर दिखाई जा रही फुटेज में पुरुषों का एक समूह हाथ में हॉकी और लोहे की छड़ें लिए एक इमारत के पास नजर आ रहा है। वाम नियंत्रित जेएनयूएसयू और आरएसएस से संबद्ध एबीवीपी इस हिंसा के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।