नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने एक 61 वर्षीय महिला के पत्र पर स्वयं संज्ञान लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिल्ली सरकार को जरूरतमंदों के लिए सभी स्थानों पर शौचालय उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी. हरि शंकर की बेंच ने दिल्ली सरकार को सार्वजनिक स्थानों विशेष रूप से महिलाओं के लिए हर जगह शौचालय उपलबध कराने के निर्देश दिए हैं।
बेंच ने यह निर्देश एक 61 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता महिला परमेश्वरी देवी की जनहित याचिका के तहत सुनवाई करते हुए दिए। परमेश्वरी देवी ने नजफगढ़ में एक भी सरकारी अस्पताल और शौचालयों की समस्या को उठाया था। महिला ने हाईकोर्ट में पत्र भेज कहा कि नजफगढ़ में महिलाओं के लिए मातृ देखभाल और उचित सार्वजनकि शौचालय के साथ एक अस्पताल स्थापित करने का निर्देश सरकार को दिया जाए। इस क्षेत्र में महिलाओं के लिए यह सबसे अहम जरूरत है।
कोर्ट ने इस पत्र का अवलोकन करते हुए इसे जनहित याचिका में बदल दिया। दिल्ली सरकार की ओर से इस सुनवाई के दौरान बेंच को बताया गया कि केंद्र ने 100 बिस्तर की सुविधा वाले अस्पताल के निर्माण को 100 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं, जो 2020 तक बनाया जाएगा। बेंच ने इस जवाब के बाद याचिका को निपटारा कर दिया, लेकिन अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
इससे पहले हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान क्षेत्र में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी पर चिंता व्यक्त की और दिल्ली सरकार के वकील को मोहल्ला क्लीनिकों के बारे में जानकारी देने को भी कहा था। दिल्ली सरकार के वकील ने कहा था कि नजफगढ़ में 4 मोहल्ला क्लीनिक और दो औषधालय बनाए गए हैं।