नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री के सचिव आरके धवन की विधवा को दिल्ली के गोल्फ लिंक्स स्थित बंगले का अधिकार किसी भी तीसरे पक्ष को देने पर रोक लगा दी है। कोर्ट देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के करीबी सीपीएन सिंह की बेटी जयश्री सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जस्टिस चंद्रशेखर ने एक पक्ष की मौजूदगी की वजह से इस मामले की अगली सुनवाई अब 14 फरवरी तय करते हुए आरके धवन की विधवा अचला मोहन को समन जारी किया है। जयश्री के वकील ने कोर्ट को बताया कि विधवा अचला मोहन इस बंगले में रह रही हैं।
वह बंगला मूल रूप से पंजाब-यूपी के पूर्व राज्यपाल दिवंगत सीपीएन सिंह का है। वकील ने बताया कि उनकी बेटी जयश्री सिंह के अनुसार उनके पिता सीपीएन सिंह के नेहरू और इंदिरा से अच्छे संबंध थे। इंदिरा गांधी की विनती पर ही उनके पिता ने धवन परिवार को अपने मकान में रहने की इजाजत दी थी। उस समय उनके पास रहने के लिए कोई आवास नहीं था।
क्योंकि सरकार गिरने की वजह से उन्हें अपना बंगला खाली करना पड़ा था। वकील डीपी सिंह के जरिए दायर मुकदमे में जयश्री ने दलील दी कि अचला मोहन विवादित संपत्ति के मालिकाना अधिकारों को किसी भी रूप में बिक्री/किराए/स्वामित्व का अधिकार नहीं दे सकती। जस्टिस चंद्रशेखर ने अपने आदेश में कहा कि जयश्री सिंह के लिए वकील द्वारा दी दलीलों के मद्देनजर ऐसा प्रतीत होता है कि बचावकर्ता अचला मोहन को नई दिल्ली के गोल्फ लिंक्स, 141 की विवादित संपत्ति का अधिकार किसी भी तरीके से अगली तारीख तक किसी तीसरे पक्ष को देने से रोकने वाला निर्देश जारी करना न्याय के हित में है।
जयश्री ने संपत्ति का अधिकार देने की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था। उन्होंने दावा किया कि वह इस संपत्ति की कानूनन मालकिन है और कई नोटिसों के बावजूद धवन की विधवा अचला मोहन ने इसे खाली नहीं किया। धवन का 6 अगस्त 2018 में निधन हो गया था। जबकि सीपीएन सिंह का 1993 में निधन हो गया था। आज इस बंगले की कीमत करोड़ों में है। जयश्री ने भी पिता की मृत्यु के बाद धवन को इस बंगले में रहने दिया।