नयी दिल्ली : सड़कों पर हॉर्न से अत्यधिक आवाज करने वाली मोटरसाइकिलों पर सख्ती दिखाते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को यातायात पुलिस को निर्देश दिया कि वह दुपहिया वाहनों से अत्यधिक शोर मचाने वाले ‘प्रेशर हॉर्न’ और ’मॉडीफाइड साइलेंसर’ हटाने के लिए प्रस्तावित कदमों की जानकारी दे। मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ ने दिल्ली यातायात पुलिस से उसे इस बारे में बताने को कहा कि दुपहिया वाहनों पर प्रेशर हॉर्न और तेज आवाज वाले साइलेंसरों की अनुमति है या नहीं।
पीठ ने कहा, ‘‘दिल्ली यातायात पुलिस को अदालत को इस बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया जाता है कि ‘प्रेशर हॉर्न’ और ’मॉडीफाइड साइलेंसर’ को दुपहिया वाहनों विशेषकर मोटरसाइकिलों पर लगाने की अनुमति है या नहीं। उसे बताया जाए कि वह ‘प्रेशर हॉर्न’ और ’मॉडीफाइड साइलेंसर’ हटाने के लिए क्या कदम उठाना चाहती है।’’ पीठ ने कहा कि अगर सुनवाई की अगली तारीख से पहले जानकारी नहीं दी जाती है तो अदालत उचित निर्देश देगी। अदालत ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए 24 जनवरी की तारीख तय की। अदालत एनजीओ ‘जस्टिस फॉर राइट्स फाउंडेशन’ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।