कोरोना वायरस का संकट तेज़ी से बढ़ रहा है। देश में बीते दिन 1.68 लाख केस दर्ज किए गए हैं। मामलों की बढ़ती रफ्तार के बीच दिल्ली-महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बेड की कमी हो गई है। दिल्ली में करीब 17 बड़े अस्पताल ऐसे हैं, जहां पर एक भी कोरोना बेड नहीं है। राजधानी में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच सबसे बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
दिल्ली में रविवार को कोविड-19 के रोजाना के मामले 10,000 की संख्या को पार कर गए। राजधानी के बड़े प्राइवेट अस्पतालों में बेड की किल्लत हो रही है तो एक दर्जन से ज़्यादा प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना बेड की उपलब्धता शून्य हो गई है। दिल्ली सरकार की ‘कोरोना एप’ के मुताबिक, 12 अप्रैल दोपहर 1 बजे तक 17 बड़े प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना बेड की संख्या शून्य हो गई है। इन अस्पतालों में सामान्य कोरोना मरीज़ के लिए एक भी कोरोना बेड उपलब्ध नहीं है-
1. ओखला के होली फैमली अस्पताल में सभी 164 बेड फुल
2. शालीमार बाग के मैक्स अस्पताल में 158 बेड फुल
3. पंजाबी बाग के महाराजा अग्रसेन अस्पताल में 150 कोरोना बेड, कोई खाली नहीं
4. रोहिणी के जयपुर गोल्डन अस्पताल में अस्पताल में 124 कोरोना बेड, कोई बेड खाली नहीं
5. द्वारका के वेंकटेश्वर अस्पताल में 98 कोरोना बेड फुल
6. रोहिणी के सरोज अस्पताल में 84 कोरोना बेड फुल
7.राजेंद्र नगर के BL कपूर अस्पताल में 81 कोरोना बेड, कोई खाली नहीं
8. लाजपत नगर के VIMHANS अस्पताल में 66 कोरोना बेड फुल
9. द्वारका के आयुष्मान अस्पताल में 65 बेड फुल
10. कीर्ति नगर के कालरा अस्पताल में 65 बेड फुल
11. कृष्णा नगर के गोयल अस्पताल में 60 कोरोना बेड, कोई खाली नही
12. निर्माण विहार के मलिक रेडिक्स अस्पताल में 46 कोरोना बेड, कोई खाली नहीं
13. ईस्ट ऑफ कैलाश के नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट अस्पताल में 46 बेड फुल
14. पंचकुइयां रोड के हार्ट एंड लंग अस्पताल में 43 कोरोना बेड, कोई खाली नहीं
15. द्वारका के महाराजा अग्रसेन अस्पताल में 32 कोरोना बेड , कोई खाली नहीं
16. तिलक नगर के रिवाइव अस्पताल में 28 कोरोना बेड पर, कोई खाली नहीं
17. द्वारका के भगत चन्द्र अस्पताल में 23 कोरोना बेड, कोई खाली नहीं
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक के बाद कहा कि दिल्ली में सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार के अधिकारियों ने बताया कि कुछ सरकारी और निजी अस्पतालों को फिर से पूर्णत: कोविड-19 अस्पताल में तब्दील किया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करें, बेवजह अस्पतालों की ओर ना भागें, अगर योग्य हो तो वैक्सीन लगवाए।