नई दिल्ली : अंतिरम बजट 2019 में सरकार ने कई ऐसी घोषणाएं की हैं जिनसे आम लोगों को काफी राहत मिल सकती है। इसमें सबसे अहम है टैक्स स्लैब बढ़ना। इसका असर तकरीबन सभी सेक्टर्स पर पड़ेगा। लोगों की सैलरी बढ़ेगी जिससे वे ज्यादा खर्च कर सकेंगे। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को भी फायदा मिलेगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्रेडाई के उपाध्यक्ष अमित मोदी ने बताया कि बताया कि इस बजट के जरिए सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर को खुश होने के लिए कई मौके दिए हैं।
उन्होंने कहा कि इस बजट में रियल एस्टेट सेक्टर के लिए कई डायरेक्ट फायदे दिए गए हैं, जैसे कि एक साल के लिए सेक्शन 80 (आई) बीए का एक्सटेंशन, प्राेजेक्ट पूरा होने के दो साल तक नेशनल रेंट पर ब्याज नहीं लगेगा, लेकिन सबसे ज्यादा असर पड़ेगा इनकम टैक्स स्लैब को 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए किए जाने का। इससे लोग अपना घर खरीदने का सपना पूरा कर पाएंगे। न सिर्फ सरकार घर के खरीदारों को क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम दे रही है, बल्कि उनके हाथ में ज्यादा पैसा छोड़ रही है जिससे वे ईएमआई भर सकें।
मोदी के मुताबिक केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 और वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जो 3.4 फीसदी राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रखा है, वह हमारी उम्मीदों के अनुरूप है। सरकार ने अपना राजस्व बढ़ाने के लिए किसी नई पॉलिसी की घोषणा नहीं की, लेकिन खर्च के लिए कई घोषणाएं की गईं। इससे राजकोषीय घाटा के लक्ष्य को पूरा करना सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। पिछले दो साल से सरकार अपने राजकोषीय डेफिसिट के टार्गेट को पूरा नहीं कर पा रही है।
ऐसे में हमें लगता है कि सरकार आने वाले वित्त वर्ष (2019-20) में भी इस लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएगी। यह सरकार के खाते में नेगेटिव क्रेडिट के तौर पर दर्ज होगा। किसानों के लिए डायरेक्ट इनकम सपोर्ट स्कीम की घोषणा और सब्सिडाइज्ड एग्री लोन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में जरूर उछाल आएगा, लेकिन इससे सरकार पर खर्च का बोझ भी बढ़ेगा। यह पहली बार घर खरीदने वालों के लिए बेहद फायदेमंद होगा। इसके अलावा घर के भावी खरीदार जीएसटी से लाभान्वित होंगे, इसका फायदा सिर्फ कागजों तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उन्हें व्यवहारिक रूप से मिलेगा।
– सुरेन्द्र पंडित