दिल्ली सरकार द्वारा संचालित राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को कोरोना वायरस के 200 रोगियों पर प्लाज्मा थैरेपी करने के लिये आईसीएमआर की मंजूरी मिल गई है। पूर्वी दिल्ली में स्थित यह अस्तपाल कोविड-19 केन्द्र घोषित किये जाने के बाद से एक हजार से अधिक रोगियों का इलाज कर चुका है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीन जुलाई को इस अस्पताल से छुट्टी पाने वाले 1000वें कोविड-19 रोगी को सोमवार को सम्मानित किया था। अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा, ”हमें लगभग दस दिन पहले आईसीएमआर की मंजूरी मिल चुकी है।
फिलहाल हमें 200 रोगियों पर प्लाज्मा थैरेपी करने की अनुमति है। इसकी शुरुआत करने से पहले हम सभी तरह के प्रबंध कर रहे हैं, लेकिन फिलहाल हमारे पास कर्मचारियों की कमी है।” उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित तकनीशियनों की नियुक्ति के लिये अस्पताल ने विज्ञापन दिये हैं।
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”प्लाज्मा थैरेपी के लिये बहुत सारी सामग्रियों और प्रशिक्षित कर्मचारियों की जरूरत होती है। हम अपनी तैयारियां पुख्ता कर रहे हैं। साथ ही, आवश्यक कर्मचारियों की भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।”
केजरीवाल ने हाल ही में यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान (आईएलबीएस) में देश के पहले प्लाज्मा बैंक का उद्घाटन किया था, जिसका संचालन दिल्ली सरकार कर रही है। सूत्रों के अनुसार पहले दिन संस्थान में 10 लोगों ने प्लाज्मा दान किया और दूसरे दिन सात दानकर्ताओं ने अपनी जांच कराई। मुख्यमंत्री, कोविड-19 से पूरी तरह ठीक हो चुके लोगों से आगे आकर रोगियों के लिये प्लाजमा दान करने की अपील कर रहे हैं।