नई दिल्ली : तीस हजारी कोर्ट में हुए हिंसक बवाल मामले में क्राइम ब्रांच की एसआईटी तेजी से जांच कर रही है। जांच में शामिल पुलिस सूत्रों की माने तो बवाल के दौरान उत्तरी जिला की डीसीपी मोनिका भारद्वाज के साथ वकीलों ने बदसलूकी भी की थी। जब उनका ऑपरेटर उन्हें बचाने बीच में आया तो कथित रूप से वकीलों की भीड़ उस पर टूट पड़ी थी। उनके ऑपरेटर को काफी चोटें आई कंधा फैक्चर हो गया था।
हमले में सिर फट गया और कई टांके आए। इसी दौरान उससे सरकारी पिस्टल लूट ली थी। इस संबंध में सब्जी मंडी थाने में सरकारी पिस्टल लूटने का भी एक मुकदमा दर्ज है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि डीसीपी से बदसलूकी करने वाले वकीलों और उनके ऑपरेटर संदीप से पिस्टल लूटने वाले वकील की पहचान कर ली गई है। चूंकि हाईकोर्ट की तरफ से एक महीने तक किसी भी वकील की गिरफ्तारी पर रोक है।
इसीलिए पुलिस ने अभी इस मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। क्राइम ब्रांच एसआईटी जल्द ही इन्हें जांच में शामिल होने के लिए बुलाएगी। आधिकारिक पुलिस सूत्रों का कहना है कि गत दो नवंबर को अफवाह के बाद तीस हजारी कोर्ट परिसर में जो हिंसक बवाल हुआ उसमें दर्जनों गाड़ियों पर तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी। एसआईटी की टीम ने कोर्ट में जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरे के डीवीआर को जब्त किया था।
इन्हीं फुटेज के आधार पर पुलिस ने कोर्ट परिसर में गाड़ियों पर तोड़फोड़ और आगजनी की वारदात को अंजाम देने वाले दो दर्जन से अधिक वकीलों की पहचान में सफल रही है। इनमें ज्यादातर नौजवान वकील हैं। वहीं डीसीपी से बदसलूकी करने वाले वकीलों की पहचान भी कुछ वीडियो के माध्यम से हुई है।
ज्यूडिशियल कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर होगी आगे की कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक तीस हजारी प्रकरण मामले में निष्पक्ष जांच के लिए गठित ज्यूडिशियल कमीशन ने भी वकील, पुलिस व अन्य लोगों के बयान लेने शुरू कर दिए हैं। एसआईटी की टीम से जुड़े पुलिस सूत्रों का कहना है कि वह अपने स्तर पर मामले की जांच कर रहे हैं। मगर ज्यूडिशियल कमीशन की जो रिपोर्ट सामने आएगी वे उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई करेंगे।
अब तक डेढ़ सौ लोगों से पूछताछ…
मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की एसआईटी अब तक करीब 150 से अधिक वकील, पुलिस, आम पब्लिक व अन्य लोगों से पूछताछ कर चुकी है। पुलिस सूत्रों की माने तो ज्यादातर लोगों ने यही बताया है कि एक अफवाह की वजह से तीस हजारी कोर्ट में माहौल बिगड़ा था।
यह सब इतनी तेजी से हुआ कि न तो पुलिस को समझाने का वक्त मिल पाया और न ही गुस्साए वकील उस वक्त कुछ समझ सके। बता दें कि तीस हजारी कोर्ट में हुए पूरे घटनाक्रम की डीसीपी जॉय ट्रिकी की अध्यक्षता व एसीपी अरविंद कुमार के नेतृत्व में इंस्पेक्टर सतीश कुमार आदि समेत करीब 25 लोगों की टीम मामले की जांच में जुटी है। एसआईटी की टीम ने सब्जी मंडी थाने में अपना कार्यालय बनाया हुआ है। जहां से पुलिस अपने काम को अंजाम दे रही है।
गौरतलब है कि दो नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में लॉकअप के पास पार्किंग को लेकर यह पूरा घटनाक्रम सामने आया था। जो कई दिन तक चला। वकीलों ने हड़ताल की तो पुलिसकर्मी भी पुलिस मुख्यालय के सामने अपना विरोध जताने के लिए आ गए थे।