राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सर्दी की दस्तक के साथ ही प्रदूषण का प्रभाव दिखने लगा है। तो वहीं, अगले कुछ महीनों में पंजाब में विधानसभा के चुनाव होने है, ऐसे में तमाम राजनीतिक दल अपने-अपने चुनावी दांव-पेच सामने ला रहे है। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एवं दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को कहा कि पंजाब में यदि उनकी पार्टी की सरकार बनी तो, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वहां पराली जलाना रोकने के लिए मुफ्त में जैव अपघटक (बायो-डीकम्पोजर) का छिड़काव किया जाए।
गोपाल राय ने पिछले सरकारों पर साधा निशाना
बता दें कि आम आदमी पार्टी पंजाब में मुख्य विपक्षी दल है, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राय ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के लिए किसानों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि वहां की सरकारें ही कोई विकल्प उपलब्ध कराने में विफल रही हैं।
दिल्ली में पराली जलने के मामलों का शहर के प्रदूषण में हिस्सेदारी रविवार को बढ़कर 48 प्रतिशत हो गई। सरकारी एजेंसियों ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के पड़ोसी राज्यों में पराली जलने के 5450 मामले सामने आने की जानकारी दी थी, जो इस मौसम की सर्वाधिक संख्या है।
किसानों की गलती नहीं है, कोई भी बयान उचित नहीं होगा
पर्यावरण मंत्री ने कहा, ‘‘ किसानों की गलती नहीं है। उनके खिलाफ कोई भी बयान उचित नहीं होगा। सरकारें ही कोई विकल्प देने में विफल रही हैं। हमने दिल्ली में दिखाया है कि इस समस्या से कैसे निपटा जा सकता है। अन्य राज्य ऐसा कुछ करने को इच्छुक नहीं हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो, हम सुनिश्चित करेंगे कि वहां पराली जलाना रोकने के लिए मुफ्त में जैव अपघटक (बायो-डीकम्पोजर) का छिड़काव किया जाए…जैसा की हम दिल्ली में करते हैं।’’ इससे पहले मंत्री ने कहा था कि पंजाब में ‘आप’ की सरकार बनी तो, राज्य को पराली जलाने से मुक्त कर दिया जाएगा, जहां सालाना लगभग दो करोड़ टन धान की पुआल होती है।
दिल्ली के 844 किसानों के 4,300 एकड़ से अधिक के खेत में पराली को खाद में बदला गया
दिल्ली सरकार ने ‘पूसा बायो-डीकंपोजर’ के मुफ्त छिड़काव की व्यवस्था की है, जो एक ‘माइक्रोबियल’ घोल होता है। इससे दिल्ली के 844 किसानों के 4,300 एकड़ से अधिक के खेत में पराली को खाद में बदला गया। पिछले साल 310 किसानों ने अपनी 1935 एकड़ जमीन पर इसका इस्तेमाल किया था।
पंजाब में 28.14 लाख हेक्टेयर जमीन पर धान की खेती की जाती है। अधिकारियों के अनुसार, उत्तर प्रदेश इस साल 10 लाख एकड़, पंजाब पांच लाख एकड़ और हरियाणा एक लाख एकड़ जमीन पर जैव अपघटक का इस्तेमाल कर रहा है।