नई दिल्ली : दिल्ली में राशन के लिए डोर स्टेप डिलीवरी से सभी को फायदा होगा लेकिन एलजी ने इस प्रस्ताव को रोक दिया है। यह कहना है खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन का। शुक्रवार को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत अमानातुल्ला खान द्वारा उठाए गए विषय पर जबाव देते हुए मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस संबंध में कैबिनेट में प्रस्ताव पास कर दिया था। इसके अलावा ई-पोओस को लेकर आ रही समस्या को देखते हुए इस योजना को वापस लेने का फैसला लिया था लेकिन एलजी ने इसे स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि ई-पोओस के माध्यम से राशन देने के कारण चार लाख के करीब लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा है।
वहीं इस विषय पर अमानातुल्ला खान ने कहा कि ई-पोओस लागू होने के बाद से समस्याएं आ रही है। लेकिन अधिकारी इसे दूर नहीं कर रहे। कई लोगों के निशान का मिलान नहीं होता तो कई कई कारणों से लाखों लोग राशन का लाभ नहीं उठा पा रहे। लोगों की समस्या को देखते हुए इसे जल्द सुधारने की जरूरत है। वहीं अन्य विधायक मनोज ने कहा कि राशन की बड़े स्तर पर चोरी होती है। इसे रोकने में डोर स्टेप डिलीवरी कारगर होती। वहीं इस संबंध में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि इस योजना का ऐसे समय में लाया जाना गरीब नागरिकों को उनके अधिकारों से वंचित करना है।
केंद्र सरकार सीधे ही लाभार्थियों के खाते में पैसा जमा कराने की डीबीटी योजना की पेशकश की है। नेता विपक्ष विजेंंद्र गुप्ता व भाजपा विधायक जगदीश प्रधान के निजी प्रस्तावों पर सदन में चर्चा नहीं हो सकी। विजेंद्र गुप्ता ने प्रस्ताव लगाया था कि सरकार को श्रमिक कल्याण निधि के अंतर्गत श्रमिकों के लिए निर्धारित योजनाओं को लागू करने के लिए गंभीरतापूर्वक कार्य करना चाहिए। इस मौके पर गुप्ता ने कहा कि श्रमिकों के कल्याण की योजनाओं का लाभ श्रमिकों को नहीं मिल रहा। बल्कि अन्य लोग इसका फायदा ले रहे हैं। इसमें करीब 70 फीसद पैसा गरीबों को नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की। इस पर श्रम मंत्री गोपाल राय ने जवाब दिया। मगर प्रस्ताव पास नहीं हो सका।
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