योग गुरु बाबा रामदेव ने मंगलवार को राम मंदिर के मुद्दे पर कहा कि मंदिर बनना चाहिए नहीं तो लोगों का भाजपा से विश्वास उठ जाएगा। जो भाजपा और देश हित में नहीं होगा। बाबा रामदेव उत्तरी हरिद्वार स्थित शदाणी दरबार के नवनिर्मित भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के बाद पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा, ‘भगवान राम भारतीय जनमानस की आस्था के प्रतीक हैं। उनके मंदिर निर्माण का मसला देश की अस्मिता से जुड़ा है। इसमें विलंब से हिंदुओं का धैर्य जवाब दे रहा है।’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश का जनमानस यदि खुद ही राम मंदिर बनाने का काम करता है तो यह ठीक नहीं होगा क्योंकि इससे सामाजिक समरसता के भी दरकने का खतरा बनेगा और कानून-व्यवस्था का भी संकट हो सकता है।
अध्यादेश का समर्थन करते हुए रामदेव ने कहा, ‘अगर कार सेवक मंदिर निर्माण का काम शुरू करते हैं तो वह न्यायालय की अवमानना होगा। अध्यादेश ही एकमात्र रास्ता है।’ इससे पहले बाबा रामदेव राम मंदिर निर्माण का मुद्दा उठा चुके हैं। उन्होंने कहा था कि यदि सुप्रीम कोर्ट समय पर फैसला नहीं देता है तो संसद में बिल लाना चाहिए।
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रामदेव ने कहा था, ‘यदि सुप्रीम कोर्ट में जल्द फैसला नहीं होता है तो लोकतंत्र में संसद सबसे बड़ी संस्था है और बिल लाने में कोई बुराई नहीं है। अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनेगा तो और कब बनेगा।’
बता दें कि हाल ही में राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में धर्म संसद का आयोजन किया था। वहीं केंद्र और महाराष्ट्र दोनों जगह भाजपा सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी राम मंदिर को लेकर बीजेपी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।