सर्दियां आते ही दिल्ली-एनसीआर इलाके में स्मॉग का खतरा बढ़ जाता है। पराली और आतिशबाजी से होने वाले धूएं के चलते लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ता है। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के बाद दिल्ली-एनसीआर में धुंध लौट आई है और अब दिवाली भी नजदीक है। रोशनी के इस त्योहार में पटाखों का शोर और जहरीला धुआं भी शामिल है। पिछले कुछ वर्षों से दिवाली के तुरंत बाद से दिल्ली पूरी ठंड भर के लिए धुंध और धूएं में डूब जाती है।
ये साल भी कोई अपवाद साबित होगा, ऐसी कोई संभावना नहीं है। भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने भी इस पर चिंता जताई है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि अगर इस बार भी दिवाली पर पटाखे जलाने का स्तर पिछले वर्षों जैसा ही रहा और इन पर रोक नहीं लगी तो स्थिति जानलेवा हो सकती है। दिल्ली-एनसीआर ही नहीं पूरे उत्तर भारत में हवा की गुणवत्ता खराब हुई है। इनमें दिल्ली, कानपुर और लखनऊ पर सबसे ज्यादा असर है।
प्रदूषण स्तर में हल्की गिरावट, राहत नहीं
पर्यावरण विशेषज्ञों के साथ-साथ अब स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी इस ठंड में लोगों के स्वास्थ्य पर होने वाले हानिकारक प्रभावों की ओर ध्यान दिला चुके हैं। अभी शुक्रवार को ही नासा के एक सैटेलाइट इमेज में बढ़ते प्रदूषण की तस्वीरें दिखाई थीं। इस तस्वीर में उत्तरी राज्यों और हिमालय के निचले इलाकों में मोटा धुंध बनता दिखा था।
इस पर मौसम विभाग के वैज्ञानिक ने कहा कि अगर हवा के चलते ये धुंध नहीं हटता है तो दिवाली तक स्थिति बदतर हो जाएगी। ऊपर से अगर पटाखों पर बैन नहीं लगाया जाएगा तो हालात जानलेवा होंगे। हालांकि, ऐसा लगता नहीं कि इस बार दीवाली पर पटाखों पर बैन लगेगा। बता दें कि पिछले साल दिवाली में अक्टूबर से लेकर नवंबर तक दिल्ली में पटाखे बेचने से बैन कर दिया था।