इन दिनों तुर्किए और सीरिया में भूकंप ने एसी तबाही मचाई जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। चंद सैकंड में आए भूकंप ने हजारों लोगों के घर उजाडे इतना ही नहीं इस भूकंप ने अभी तक 8000 लोगों की जान ले ली। कई इमारतें गिरकर पूरी तरह जमीदोज हो चुकी है। लेकिन अभी भी वहां कई बार भूकंप आ रहा है।
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि अगर भारत में इस तरह से अचानक भूकंप आता है तो वो उसके लिए भारत कितना तैयार है। और भारत में एसी कौन कौन सी जगह है जहां भूकंप का ज्यादा असर पड़ सकता है। आपको बता दें सरकार के मुताबिक भारत का लगभग 59 प्रतिशत भूभाग अलग-अलग तीव्रता के भूकंपों के प्रति संवेदनशील है। आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शहर और कस्बे जोन-5 में हैं और यहां सबसे ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप का खतरा है। यहां तक कि दिल्ली (NCR) भी जोन-4 में है, जो दूसरी सबसे ऊंची श्रेणी है।
इन 5 क्षेत्रों में भूकंप का ज्यादा होगा असर
जोन 5 क्षेत्रों के बारे में बात करें तो जहां सबसे तीव्र भूकंप आते हैं। जबकि सबसे कम तीव्र भूकंप जोन 2 में आते हैं। देश का लगभग 11% क्षेत्र जोन 5 में, 18% क्षेत्र जोन 4 में, 30% क्षेत्र जोन 3 में और शेष क्षेत्र जोन 2 में आता है। इसी के साथ गुजरात, हिमाचल प्रदेश, बिहार, असम, मणिपुर, नागालैंड, जम्मू और कश्मीर और अंडमान और निकोबार जोन-5 में आते हैं।
विज्ञान राज्य मंत्री ने पहले किया था अलर्ट
भूकंप को लेकर विज्ञान राज्य मंत्री, जितेंद्र सिंह ने जुलाई 2021 में लोकसभा (Lok Sabha) को सूचित किया था कि देश में भूकंपों के रिकॉर्ड किए गए इतिहास को देखते हुए। उन्होंने भारत की कुल भूमि का 59% हिस्सा अलग-अलग भूकंपों के लिए संवेदनशील बताया। उन्होंने कहा कि देश के भूकंपीय क्षेत्र मानचित्र के अनुसार, कुल क्षेत्र को चार भूकंपीय क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है।
दिल्ली में भूकंप तबाही मचा सकता है।
वहीं दिल्ली की बात करें तो एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली तीन सक्रिय भूकंपीय रेखाओं के पास सोहना, मथुरा और दिल्ली-मुरादाबाद स्थित है। इसको लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि गुरुग्राम दिल्ली-एनसीआर सबसे जोखिम भरा इलाका है, क्योंकि ये सात फॉल्ट लाइन पर बना है। अगर ये सक्रिय हो जाते हैं, तो उच्च तीव्रता का भूकंप आ सकता है और वो तबाही मचा सकता है।
सबसे ज्यादा भूकंप हिमालय के क्षेत्रों में आता है।
भूकंप विज्ञानियों का कहना है कि चूंकि दिल्ली-एनसीआर हिमालय के करीब है, इसलिए यह टेक्टोनिक प्लेटों में होने वाले बदलावों को महसूस करता है। हिमालय बेल्ट में कोई भी भूकंप दिल्ली-एनसीआर को प्रभावित कर सकता है। इसलिए एक तरह से अगर भूकंप आता है तो वो दिल्ली में भारी तबाही मचा सकता है।