नई दिल्ली : ‘खाया पिया कुछ नहीं गिलास तोड़ा बारह आना” यह कहावत इन दिनों एक सीनियर डॉक्टर पर बिल्कुल सटीक बैठ रही है। दरअसल उन्होंने अपनी बेहद पसंदीदा बेंटले कार की बैटरी में समस्या आने पर चाणक्यपुरी सम्राट होटल में स्थित ऑथराइज्ड शोरूम में दिखाया था। डॉक्टर का कहना है कि शोरूम में काम करने वाले मैकेनिक ने बैटरी की ही प्रॉब्लम बताई थी।
मगर उन्हें 15-20 हजार रुपए की बैटरी की बजाए करीब 30 लाख रुपए का एस्टीमेट बनाकर थमा दिया गया। उन्होंने जब गाड़ी को ठीक कराने से मना किया तो कंपनी ने उन्हें एस्टीमेट बनाने की एवज में 3,27,267 रुपए का बिल थमा दिया। डॉक्टर हैरान थे कि जब उन्होंने गाड़ी में एक पैसे का काम भी नहीं कराया तो करीब सवा तीन लाख रुपए किस बात का।
डॉक्टर का आरोप है कि जब उन्होंने इस बात की शिकायत शोरूम के सीनियर लोगों से की तो उल्टा उनके साथ गलत व्यवहार करते हुए जान से मारने की धमकी तक दे डाली। उधर, पीड़ित डॉक्टर अनूप गुप्ता ने अपनी बेंटले कार को वापस लेने और आरोपी लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए नई दिल्ली जिला पुलिस उपायुक्त, एसीपी और चाणक्यपुरी थाने में लिखित शिकायत दी।
जिसके आधार पर शुक्रवार को ही चाणक्यपुरी पुलिस ने जान से मारने की धमकी देने सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक, डॉ अनूप गुप्ता परिवार के साथ बंगाली मार्केट में रहते हैं। उनके पास बेंटले कार है जिसे वह शोकिया तौर पर कभी-कभी चलाते हैं। कार की बैटरी में प्रॉब्लम होने के चलते उन्होंने कार को चाणक्यपुरी सम्राट होटल में स्थित ऑथराइज्ड शोरूम में सर्विस के लिए भेजा था। डॉक्टर का आरोप है की जब गाड़ी दिखाई तो उन्हें बैटरी की ही प्रॉब्लम बताई गई थी।
मगर बैटरी का स्टॉक नहीं होने पर उन्हें गुरुग्राम का एड्रेस देकर वहां जाने की सलाह दे दी गई। डॉक्टर ने 23 सितंबर को अपने ड्राइवर संतोष को गाड़ी देकर वहां भेज दिया। लेकिन उन्हें बताया गया कि इलेक्ट्रीशियन नहीं आया है। बाद में उन्हें सलाह देते हुए कहा कि गाड़ी को कंपनी में ही छोड़ दें। जैसे ही बैटरी आएगी उसे ठीक कर दिया जाएगा। जिसके चलते ड्राइवर ने गाड़ी को वापस चाणाक्यपुरी शोरूम में लाकर छोड़ दिया।
भेजा 30 लाख का एस्टीमेट… पीड़ित डॉक्टर उस वक्त दंग रह गए जब उन्हें 26 सितंबर को अपनी मेल पर बेंटले कार की रिपेयरिंग का 29,62,112 रुपए का स्टीमेट देखा। वह 29 सितंबर को शोरूम पहुंचे। देखा तो गाड़ी की बैटरी तक बदली हुई नहीं थी। उन्होंने अपनी गाड़ी को ठीक कराने से मना कर दिया और गाड़ी को वापस देने के लिए कहा।
मगर गाड़ी ठीक किए बिना ही सिर्फ एस्टीमेट बनाने के नाम पर उन्हें एक और 3,27,267 रुपए का बिल थमा दिया गया। कहा जब इस बिल का भुगतान होगा गाड़ी तभी मिलेगी। कंपनी रूल में टोटल बिल का 10 परसेंट शुल्क एस्टीमेट चार्ज के रूप में लिया जाता है। उन्हें चेतावनी दी कि शोरूम में जब तक गाड़ी खड़ी रहेगी उन्हें प्रतिदिन 1500 रुपए के हिसाब से भी भुगतान करना होगा।
आठ हजार रुपए प्रति घंटा डायग्नोज चार्ज…
पीड़ित डॉक्टर का कहना है कि जब वह अपनी गाड़ी के संबंध में बात करने के लिए शोरूम में गए थे तो उन्हें बताया गया था कि गाड़ी का डायग्नोज चार्जेस करीब 8 हजार रुपए प्रति घंटा होगा। करीब 3 घंटे का डायग्नोज चार्ज 24 हजार रुपए लिया था। लेकिन उन्हें टोटल बिल पर 10 परसेंट एस्टीमेट चार्ट के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया था।