दक्षिणी दिल्ली : आईजीआई एयरपोर्ट फेज-3 के विस्तार का काम पूरा होते ही एयरपोर्ट पर एयरसाइड क्षमता 140 मिलियन यात्री प्रति वर्ष तक बढ़ जाएगी, जो इस समय 75 मिलियन यात्री प्रति वर्ष है। वर्ष 2016 के मास्टर प्लान के मुताबिक एयरपोर्ट के सभी टर्मिनलों पर यात्री प्रबंधन क्षमता 2022 तक बढ़कर 100 मिलियन यात्री प्रति वर्ष हो जाएगी। एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 और टर्मिनल-3 के विस्तार कार्यक्रम को पूरी तरह से वातावरण को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। खास तौर से इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि टेक्नोलॉजी के स्तर पर इसका निर्माण काफी हाईटेक हो।
टर्मिनल-1 की क्षमता होगी दोगुनी…
डायल (दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड) के मुताबिक, एयरपोर्ट टर्मिनल-1 का एरिया विस्तार 2022 तक तीन गुना यानी की 64,140 वर्ग मीटर से बढ़ाकर 1,92,985 वर्ग मीटर कर दिया जाएगा। टर्मिनल के विस्तार के बाद वहां पर यात्री प्रबंधन दो गुना 20 मिलियन से 40 मिलियन यात्री प्रति वर्ष की क्षमता हो जाएगी। एरिया विस्तार के बाद टर्मिनल-1 के आगमन और प्रस्थान एरिया को एक ही इमारत में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
विस्तार कार्य के बाद टर्मिनल-1 पर यात्री बैग की सुरक्षा जांच करीब 3200 से बढ़कर 6 हजार की होगी, 22 यात्री बोर्डिंग ब्रिज का निर्माण किया जाएगा, बोर्डिंग प्वाइंट 15 से बढ़कर 35 हो जाएंगे, टर्मिनल पर आगमन बैग बेल्ट की लम्बाई और उसका एरिया बढ़ेगा, टर्मिनल-1 पर चेकइन आईलैंड 4 से बढ़कर 5 होंगी, टर्मिनल-3 पर यह संख्या 6 से बढ़कर 7 हो जाएगी।
तीसरे फेज में क्या-क्या होगा… जीएमआर ग्रुप के उप प्रबंध निदेशक, आई प्रभाकर राव ने बताया कि पिछले एक दशक के दौरान दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। इसलिए इसके विस्तार का मास्टर प्लान 2016 में तैयार किया गया था। जिसमें एयरसाइड एरिया क्षमता के अलावा, रनवे की संख्या 3 से 4 किया जाएगा, टर्मिनल-1 पर विमानों के लिए एप्रन एरिया 2,82,000 वर्ग मीटर से बढ़ाकर 6,29,285 वर्ग मीटर किया जाएगा, पार्किंग संख्या 55 विमानों से बढ़ाकर 82 होगी, टर्मिनल के सामने सेंट्रल स्पाईन रोड को 4 लेन से बढ़ाकर 6 लेन किया जाएगा, टर्मिनल-1 से टर्मिनल-3 के बीच दूरी को कम करने के लिए फ्लाईओवर का निर्माण, कार्गो एयरपोर्ट की क्षमता 1 मिलियन टन तक बढ़ जाने पर विस्तार कार्य, नॉर्थ और साउथ एयरफील्ड को जोड़ने के लिए ईस्टर्न क्रॉस टैक्सीवे बनाया जाएगा।