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IIT ने मृदा संरचना में प्रदूषकों के प्रवाह का अनुमान लगाने वाला सॉफ्टवेयर विकसित किया

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने एक नया सॉफ्टवेयर विकसित किया है जो जटिल मृदा संरचना में संदूषकों के प्रवाह का सटीक अनुमान लगाता है।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने एक नया सॉफ्टवेयर विकसित किया है जो जटिल मृदा संरचना में संदूषकों के प्रवाह का सटीक अनुमान लगाता है।
इस अनुसंधान के नेतृत्वकर्ता आईआईटी मंडी के मुताबिक यह सॉफ्टवेयर खासकर खेतों में उर्वरकों की मात्रा का अनुमान लगाने, लैंडफिल निस्तारण स्थल से रिसकर जमीन में पहुंचे पानी (द्रव) के प्रसार का अनुमान लगाने तथा परमाणु, कार्बनिक, अकार्बनिक, भारी धातुओं एवं विभिन्न धनायनों एवं ऋणायनों जैसे जटिल रसायनों के निस्तारण की प्रणाली तैयार करने में बड़ा उपयोगी है।
पृथ्वी मंत्रालय ने इस अनुसंधान के लिए धन मुहैया कराया और यह अध्ययन ‘वाटर रिसोर्स रिसर्च’ में प्रकाशित हुआ है। अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि यह मॉडल लैंडफिल और भूजल उपचार स्थलों की योजना एवं उनका डिजायन और वैज्ञानिक ढंग से तैयार करने में उपयोगी हो सकता है जिससे अपशिष्ट स्थलों के बेहतर ढंग से नियमन एवं अपशिष्ट स्थलों से सुरक्षित दूरी तैयार करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
आईआईटी मंडी के सहायक प्रोफेसर दीपक स्वामी ने कहा, ‘‘ अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाने वाला प्रदूषण का स्रोत मृदा प्रदूषण है– प्रदूषक भौतिक, रासयनिक या सूक्ष्मजीवीय प्रक्रियाओं के माध्यम से अपशिष्ट स्थल से रिसकर मृदा में जाते हैं और भूजल को प्रदूषित करते हैं।
मृदा एवं भूजल प्रदूषण के हानिकारिक प्रभावों के मूल्यांकन के लिए मृदा की विभिन्न परतों के बीच प्रदूषकों के प्रवाह की प्रकृति की समझ जरूरी है।’’ स्वामी ने कहा, ‘‘गणितीय मॉडल व्यवस्था संरध्रशील माध्यमों से प्रदूषक प्रवाह जैसी मूलभूत प्रक्रियाओं का वस्तुनिष्ठ ढंग से विश्लेषण करने में अहम वैज्ञानिक उपकरण है जो व्यापक मानव मूल्यांकन से परे है।’’

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