पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह क्षेत्र नालंदा और जीतीया पर्व के दिन नदी में सरेआम महिला का इज्जत लूटी। दूसरी तरफ सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी जिनके पास सरकार और प्रशासन सारे तंत्र है वे हाथ जोडक़र अपराधियों से कह रहा है कि पितृपक्ष मेला तक अपराधी क्राइम नहीं करे। इससे यह जग जाहिर होता है कि सरकार से ज्यादा अपराधी ही बिहार में वर्चस्व कायम है। ये बातें आज हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के सुप्रीमो जीतन राम मांझी अपने आवासीय कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा।
उन्होंने इसी शर्त को लेकर पिछले दिन बिहार के राज्यपाल से मुलाकात किये थे उनसे हमने आग्रह किया था कि बिहार सरकार में कानून व्यवस्था थम नहीं रहा है इसलिए बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाया जाये। क्योंकि मुख्यमंत्री का गृह जिला भी अपराधियों से मुक्त नहीं है। प्रतिदिन हत्या, बैंक मैनेजर तक का अपहरण कर हत्या कर दी जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिन्होंने दलित आदिवासियों का आरक्षण का बंदरबाट किया वह किस मुंह से दलित सम्मेलन कर रहे हैं बिहार दलित-आदिवासी छात्रों को आईटीआई करने और पढऩे के लिए रुपया देते थे वह रुपया भी बंद कर दिया गया है। जिसके कारण छात्र का ओरिजनल सर्टिफिकेट गिरवी रखा गया है। इंदिरा आवास और शौचालय के लिए बिचौलिया बंदरबाट करके एक भी दलित आदिवासी लाभार्थी को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। बिहार सरकार पर विश्वास नहीं है तो इंदिरा आवास और शौचालय के लिए कमीशन बैठाये वह क्या रिपोर्ट देता है।
उन्होंने कहा कि आरक्षण बिल्कुल खत्म है जूडिशियल और निजी क्षेत्र में आरक्षण है ही नहीं सरकारी में नौकरी और आरक्षण दोनों खत्म है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 15 साल में एससी-एसटी को कितना विकास किया और कितना आरक्षण उसका जवाब दलित आदिवासी मांग रहे हैं। शैक्षणिक और आर्थिक लोगों को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। अभी भी पंचायत स्तर पर जो आरक्षण दिया है उससे हम सहमत हैं। मगर बिना शिक्षा के दलित-आदिवासी पंचायत में मुखिया का पद ले लेते हैं शिक्षा नहीं होने के चलते वह अब भी बंधुआ मजदूर की तरह काम करते हैं। इस अवसर पर पार्टी के वरिष्ठ नेता विजय यादव, महाचन्द्र सिंह, दानिश रिजवान इत्यादि उपस्थित थे।