नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने सोमवार को तुगलकाबाद में दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड द्वारा स्थापित 220 केवी सब-स्टेशन का उद्घाटन किया। इस सब-स्टेशन तथा इससे संबंधित ट्रांसमिशन नेटवर्क के निर्माण पर कुल 145 करोड़ खर्च हुए हैं। इसकी ट्रांसमिशन क्षमता 320 एमवीए है जिसे जरूरत पड़ने पर बढ़ाया जा सकता है। दिल्ली में भूमि की कमी के कारण इस सब-स्टेशन में अत्याधुनिक तकनीक के गैस इंसुलेटिड स्विचगियर का प्रयोग किया गया है।
जीआईएस सब स्टेशन में सामान्य के मुकाबले 1/5 भूमि की आवश्यकता होती है। इस स्टेशन का निर्माण 26 दिसंबर 2016 को प्रारंभ हुआ तथा पांच अक्टूबर 2018 को पूरा हो गया। इस सब स्टेशन को दिल्ली के चारों ओर बने 400 केवी रिंग के साथ बल्लभगढ़ से बामनौली वाले हिस्से के साथ-साथ 220 केवी सबस्टेशन बदरपुर, ओखला, मस्जिद मोड़ व महरौली सब-स्टेशन के साथ जोड़ा गया है ताकि दिल्ली के अंंदर विद्युत का ट्रांसमिशन और बेहतर हो सके।
400 केवी रिंग से जुड़ने के कारण बाहर से आने वाली 2000 एमवीए बिजली की दक्षिण और पश्चिमी दिल्ली के इलाकों में और सुगमता से आपूर्ति की जा रही हैं। इस सब स्टेशन की स्थापना से बदरपुर पाॅवर स्टेशन को बंद करना भी संभव हो पाया है। इस दिल्ली ट्रांसको के अध्यक्ष एवं प्रबध निदेशक मधुप व्यास, विधायक नरेश यादव, प्रकाश जारवाल और सोमनाथ भारती मौजूद रहे।
राघव ईमानदार लड़का है : सत्येंद्र
सत्येंद्र जैन ने दिल्ली सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए याद दिलाया कि 2013 में केजरीवाल ने सस्ती बिजली मुफ्त पानी के जो वादे किए थे, वो पूरे करके दिखाए। राघव चड्ढा को आगे बुलाकर जैन ने कहा कि जब वे चुनाव लड़ रहे थे तब पहली बार लोगों ने कहा था कि ‘गौ’ चुनाव लड़ रहा है। राघव की तुलना खुद से करते हुए उन्होंने कहा कि राघव की शक्ल देख के पता चलता है कि वह एक बहुत इमानदार लड़का है।
तो चार गुना स्पीड से दौड़ेगा विकास
राघव चड्ढा ने कहा कि आपने चार साल पहले केजरीवाल को प्यार दिया और सारे विधायक आप के चुने लेकिन भाजपा के सातों सांसदों ने दिल्ली में पिछले 5 साल में कोई काम नहीं किया। बल्कि केरजीवाल के हर काम में परेशानी उत्पन की और चिट्ठियां लिख-लिख कर उनके कामों को रोकने का काम किया। यदि दिल्ली में केजरीवाल का विकास का घोड़ा चार गुना स्पीड पर दौड़े तो दिल्ली की सातों सीटों पर अरविन्द केजरीवाल के सिपाहियों को जिताएं।
इस बार 8000 मेगावॉट तक जा सकती है बिजली की मांग
देश में अमूमन मार्च आते ही गर्मियों की हल्की दस्तक शुरू हो जाती है। इन गर्मियों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति उपभोक्ता एवं डिस्कॉम दोनों के लिए एक बड़ी समस्या बन जाती है। हालांकि डिस्कॉम राजधानी में हर बार बिजली की बेहतर आपूर्ति का दावा करती हैं। लेकिन कई इलाकों में बिजली की कटौती फिर भी होती है। बिजली विभाग के एक अनुमान के अनुसार इस बार बिजली की मांग 7500 से 8000 मेगावाट तक जा सकती है। डिस्कॉम एवं ट्रांसमिशन विभाग अपने-अपने स्तर पर सिस्टम को दुरुस्त करने का काम कर रहे हैं।
क्योंकि पाॅवरकट की ज्यादातर दिक्कतें सिस्टम में खामी उत्पन्न होने के कारण की सामने आती हैं। लेकिन दिल्लीवालों के लिए राहत की बात यह है कि उन्हें इस बार 220 केवी का एक पाॅवर सब स्टेशन मिल चुका है। जिससे ओवर लोडिंग की समस्या कुछ हद तक कम होगी। यदि मौसम के बदलाव को देखें तो अभी से ही बिजली खपत का आंकड़ा चार हजार के आसपास पहुंच रहा है।
सोमवार को बिजली की खपत का अधिकतम आंकड़ा सुबह नौ बजकर बयालीस मिनट पर 3986 मेगावॉट रहा। जबकि रविवार को यह खपत 3844 मेगावॉट रही। इससे स्पष्ट होता है कि आने वाले दिनों में बिजली की मांग बढ़ेगी। वहीं गतवर्ष दिल्ली के कई इलाकों में आठ से दस घंटे तक बिजली की कटौती रही और बिजली की अधिकतम मांग 7100 मेगावॉट रही।