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बिजली-पानी दरों के हिसाब से पड़ोसी राज्यों से सस्ती है दिल्ली

बिजली-पानी की दरों के हिसाब से राजधानी दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्य शहरों से काफी सस्ती है। पड़ोसी राज्य हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी बिजली-पानी महंगी है।

नई दिल्ली : बिजली-पानी की दरों के हिसाब से राजधानी दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्य शहरों से काफी सस्ती है। पड़ोसी राज्य हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी बिजली-पानी महंगी है। एनसीआर के शहरों में जहां बिजली की पहली यूनिट के खर्च के साथ बिल बढ़ने लगता है और एक हजार लीटर पानी के लिए भी बिल चुकाना होता है, वहीं दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली और 20 हजार लीटर तक पानी सरकार मुफ्त उपलब्ध करा रही है। 
एनसीआर में आने वाले गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद जैसे शहरों की तुलना में दिल्ली में बिजली पानी सबसे सस्ता है। यही नहीं, अगर गुरुग्राम को छोड़ दें तो दिल्ली में मकान का पंजीकरण शुल्क भी एनसीआर के अन्य शहरों की तुलना में सबसे कम है। दिल्ली में 4 से 6 फीसदी तक जमीन की कीमत के आधार पर स्टांप शुल्क लिया जाता है, वहीं गुरुग्राम में यह 3 से 5 फीसदी है। नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में यह 5 से 6 फीसदी तक लिया जाता है। 
राजनीतिक दलों के सामने खड़ी की चुनौती
अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों के लिए एक और उपहार से बाकी सभी राजनीतिक दलों के सामने बड़ी चुनौती फेंक दी है। उन्होंने कहा कि बिजली का फिक्स चार्ज खत्म करने के बाद दिल्ली सरकार ने एक और सौगात दी है। अगर आप महीने में 200 यूनिट तक बिजली खर्च करते हैं तो एक भी पैसा नहीं चुकाना पड़ेगा। 
वहीं फरीदाबाद में 200 यूनिट खर्च करने पर प्रति यूनिट 2.50 रुपये जबकि नोएडा और गाजियाबाद में प्रति यूनिट 5.40 रुपये देना पड़ता है। दिल्ली सरकार के फैसले का लाभ 26 लाख से ज्यादा परिवारों को मिलेगा। सरकार ने बिजली के लोड की शर्त भी नहीं रखी है। 
लोड चाहे एक किलोवाट हो या पांच  किलोवाट, 200 यूनिट तक खर्च किया है तो बिल शून्य ही आएगा। सरकार फिक्स चार्ज का भुगतान खुद करेगी। इससे खजाने पर 2000 करोड़ रुपये का बोझ आने का अनुमान है। अगस्त में करीब 35% उपभोक्ताओं ने 200 यूनिट से कम बिजली खर्च की। ठंड में यह संख्या 70% तक पहुंच जाती है।

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