दिल्ली के निजामुद्दीन के मरकज में तबलीगी जमात में शामिल हुए लोगों में 24 के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद से प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। मरकज में पिछले 36 घंटे चले ऑपरेशन में 2361 लोगों को बाहर निकाला गया है। बाहर निकले गए 617 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, वहीं बाकियों को क्वारंटाइन किया गया है।
उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को बताया कि निजामुद्दीन के मरकज में 36 घंटे का अभियान चलाकर सुबह चार बजे पूरी ईमारत को खाली करा लिया गया है। इस इमारत में कुल 2361 लोग बाहर निकाले गए जिनमें से 617 को अस्पतालों में और बाकियों को अलग-अलग क्वारंटीन में भर्ती कराया गया है।
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मनीष सिसोदिया ने लॉकडाउन में सभी से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि करीब 36 घंटे के इस अभियान में मेडिकल स्टाफ, प्रशासन, पुलिस और डीटीसी स्टाफ सबने मिलकर तथा अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया। इन सबको दिल से सलाम। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मरकज मामले में अब तक 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
जिसमें मौलाना साद, डॉ जीशान, मुफ्ती शहजाद, एम सैफी, यूनुस, और मोहम्मद सलमान शामिल है, जिसमें से मौलाना साद का 28 मार्च के बाद से कोई पता नहीं चला जब उन्हें पुलिस द्वारा नोटिस भेजा गया था। फिलहाल उसकी तलाश जारी है।
गौरतलब है कि निजामुद्दीन की मरकज में तब्लीगी समाज का कार्यक्रम था जिसमें बडी संख्या में लोग जमा हुए थे। बाद में यहां से लोग देश के विभिन्न राज्यों में गए जिससे कोरोना वायरस का संक्रमण बड़े पैमाने पर फैलने का खतरा उत्पन्न हो गया है।