नई दिल्ली : संसद में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने आधार अधिनियम में हुए संशोधन पर अपने विचार रखे। वहीं दक्षिणी दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी ने अनधिकृत कॉलोनियों के नियमित न होने से वहां की जनता के नारकीय जीवन के बारे में संसद को शून्य काल में अवगत कराया। इससे पहले दिल्ली में वायु प्रदूषण के विषय को पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा भी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के समक्ष प्रमुखता से रख चुके हैं।
सांसद मनोज तिवारी ने आधार अधिनियम संशोधन के लिए संसद में कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद का धन्यवाद देते हुए कहा कि वे कभी सुधार करने में पीछे नहीं रहते हैं। इस बीच प्रधानमंत्री मोदी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘मैं भी चौकीदार हूं’ कार्यक्रम में डाटा प्रस्तुत किया और बताया कि आधार कार्ड के लागू होने से पहले देश में आठ करोड़ लोग ऐसे थे, जो धरती पर पैदा ही नहीं हुए थे। लेकिन उनके लिए सब्सिडी जा रही थी और उन्हें सभी सुविधाएं मिल रही थीं। पूछने वाली बात है कि सब्सिडी किसे जा रही थी, कैसे जा रही थी। तिवारी ने कहा कि इस पर 45 से 50 हजार करोड़ तक का देश का खजाना लुट रहा था जिसे बचाया गया।
आधार कार्ड आने के बाद लगभग 90 हजार करोड़ की बचत हुई है। इस आधार को जितना मजबूत करेंगे तो उतना ही लाभ होगा। आधार कार्ड सबसे बड़ा शत्रु है भ्रष्टाचार का और जिन्हें भ्रष्टाचार प्रिय है वे कभी इसका समर्थन नहीं करेंगे। इसलिए इस भ्रष्टाचार रूपी राक्षस को मारने के लिए आधार अधिनियम में जो संशोधन आया है उसका मैं समर्थन करता हूं। साथ ही उन्होंने सभी से अनुरोध किया हम सभी इसका समर्थन करें और भविष्य में संशोधन की जरूरत पड़े तो आगे भी किया जाना चाहिए। भ्रष्टाचारी बचना नहीं चाहिए और कोई निर्दोष को सजा नहीं होनी चाहिए।
लोकसभा में शून्य काल में गुरुवार को दक्षिणी दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी ने बताया कि दिल्ली में दो हजार से ज्यादा अनधिकृत कॉलोनियों में रह रहे 20 लाख से ज्यादा लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। यह भी अवगत कराया कि जिस प्रकार 2009 में सोनिया गांधी ने झूठे सर्टिफिकेट बांटकर अनधिकृत कॉलोनियों में रह रहे निवासियों को गुमराह कर उनके वोट लिए थे, ठीक उसी प्रकार 2015 में भी केजरीवाल ने यह वादा किया था कि एक साल के अंदर वह सभी अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित कर उसमें बिजली, पानी, सड़क आदि सुविधाएं मुहैया कराएंगे।
लेकिन चुनाव जीतने के चार साल बाद भी उन कॉलोनियों में किसी प्रकार का विकास कार्य नहीं हुआ। नियमानुसार केंद्र सरकार का पैसा इन कालोनियों में नहीं लगाया जा सकता। रमेश बिधूड़ी ने सदन के माध्यम से शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी से यह आग्रह किया की दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को बुलाकर इस कार्य को जल्दी पूरा कराया जाए जिससे केंद्र सरकार द्वारा इन सभी कॉलोनियों में विकास कार्य कराए जा सकें।
वहीं पश्चिमी दिल्ली से सांसद प्रवेश वर्मा ने संसद में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री से मानव स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के दीर्घकालीन प्रभाव के संबंध में पूछा कि क्या इस पर कोई अध्ययन किया गया है या नहीं। साथ ही लोगों को फेफड़े के रोग और सांस संबंधी समस्याओं से बचाने की रोकथाम और उपचार के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। वहीं उन्होंने विशेषकर दिल्ली में वायु प्रदूषण के संबंध में सुरक्षित जन स्वास्थ्य के लिए किए गए उपायों के बारे में भी ब्यौरा मांगा।