दिल्ली में वायु प्रदुषण का स्तर शहर में कोविड-19 की स्थिति को और बिगाड़ सकता है और इससे केंद्र और दिल्ली सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती पैद हो सकती है। डॉक्टरों का मानना है शहर की भौगोलिक स्थिति, प्रतिकूल मौसम, पराली का जलाया जाना और प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों समेत कई कारणों से हर साल सर्दी के मौसम में दिल्ली की वायु गुणवत्ता का स्तर खतरनाक स्तर पर चला जाता है।
आपको बता दें प्रदूषण नियंत्रण संस्था जिसका गठन सुप्रीम कोर्ट ने किया है उसने नवंबर 2019 में जन स्वास्थ्य आपात स्थिति की घोषणा की थी जिसके बाद दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में स्कूलों को बंद करने, निर्माण गतिविधियों और डीजल डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर रोक लगाने के आदेश दिए थे।
अगर डॉक्टरों की माने तो ऐसा कहा जाता है की वायु प्रदूषण से ‘क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों की सूजन से पीड़ित लोगों के लिए एक गंभीर खतरा पैदा हो जाता है और ऐसे रोगियों को कोविड-19 का खतरा अधिक हो सकता है। उन्होंने कहा कि यदि वे संक्रामक बीमारी के संपर्क में आ जाते है तो यह खतरा और अधिक बढ़ जाता है। ऐसे ही कोलंबिया एशिया अस्पताल, पुणे में सलाहकार, पल्मोनोलॉजी, डॉ. ने कहा कि अगर धूल से होने वाली एलर्जी का पिछला इतिहास है, तो यह अस्थमा के खतरे की ओर इशारा करता है।